गिरिराज को जमानत नहीं मिली, होगी कुर्की-जब्ती

भाजपा के सीनियर लीडर और साबिक़ वज़ीर गिरिराज सिंह की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं। बोकारो की एक अदालत ने पीर को उनकी पेशगी जमानत दरख्वास्त को खारिज कर दिया। इसके बाद अब बिहार पुलिस हेड क्वार्टर ने उनके बॉडीगार्ड की वापसी की कार्रवाई शुरू कर दी है, जबकि झारखंड पुलिस उनकी गैर मंकुला जायदाद की कुर्की-जब्ती के लिए अदालत से ऑर्डर लेने की तैयारी में है।

बोकारो के इजाफ़ी जिला और सेशन जज (पहले जमरे) विपिन बिहारी ने गिरिराज सिंह की पेशगी जमानत दरख्वास्त खारिज कर दी। 18 अप्रैल को दिये गये मुबाइयना भड़काऊ तक़रीर को लेकर उनके खिलाफ 23 अप्रैल को अदालती मजिस्ट्रेट अमित शेखर ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। वहीं, गिरिराज सिंह की तरफ से देवघर की अदालत में पेशगी जमानत की दरख्वास्त दायर की गयी, जिस पर मंगल को सुनवाई होगी। पटना की अदालत उनकी पेशगी जमानत मंजूर कर चुकी है।

इधर, बिहार के एडीजी (हेडक्वार्टर) रवींद्र कुमार ने कहा कि किसी भी सख्स के खिलाफ वारंट जारी होने और उसके फरार होने के बाद उसके बॉडीगार्ड को उसके साथ रखने का कोई तजवीज नहीं है। पुलिस हेड क्वार्टर उस जिले के एसपी से इस सिलसिले में जानकारी इकठ्ठा कर रहा है। गिरिराज को किस जिले से बॉडीगार्ड दस्तयाब कराये गये हैं, हम इसकी छानबीन कर रहे हैं। इस सिलसिले में जब चीफ़ सेक्रेटरी अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है। हम दाखिला महकमा और रियासत पुलिस हेड क्वार्टर से इसकी जानकारी इकठ्ठा कर रहे हैं।

मालूम हो कि 18 अप्रैल को देवघर के मोहनपुर व बोकारो में गिरिराज सिंह ने कहा था कि जो लोग नरेंद्र मोदी को वोट नहीं देंगे, इंतिख़ाब के बाद उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जायेगा। इस मामले में बोकारो के हरला और देवघर के मोहनपुर थाने में सनाह दर्ज की गयी है। बोकारो की अदालत से इशू गैर जमानती वारंट को तामील कराने के लिए झारखंड पुलिस की टीम ने कई बार पटना व लखीसराय वाकेय उनके घर पर छापेमारी भी की, लेकिन वे हाथ नहीं लगे।