गीता भारत लौट गई, ईधी की एक और मिसाल

गूँगी और बहरी भारतीय लड़की गीता, जो अर्सा पहले ग़लती से सरहद उबूर कर के पाकिस्तान दाख़िल हो गई थी, बिल आख़िर अपने वतन लौट गई है। पाकिस्तान में तमाम अर्से गीता की देख-भाल ईधी फ़ाउंडेशन ने की थी।

बिल आख़िर पीर के रोज़ गीता का अपने ख़ानदान के साथ मिलन हो गया, हालांकि ये तय नहीं है कि ये वही ख़ानदान है जिससे गीता ग्यारह या बारह बरस की उम्र में बिछड़ी थी।

भारतीय हुक्काम के मुताबिक़ डी एन ए टेस्ट के ज़रीए ये मालूम किया जाएगा कि आया ये गीता ही का ख़ानदान है। गीता नव उमरी में ग़लती से पाक भारत सरहद उबूर कर करे पाकिस्तान दाख़िल हुई थी।

वो तवील अर्से पाकिस्तान में इसलिए फंस कर रह गई थी कि वो अपनी या अपने ख़ानदान की शनाख़्त के बारे में किसी को बताने के काबिल नहीं थी। पाकिस्तान में ईधी फ़ाउंडेशन ने गीता की देख-भाल की, और ये मारूफ़ समाजी कारकुन अब्दुल सत्तार ईधी और उनकी बेगम बिल्क़ीस ईधी का ही कमाल है कि गीता आज अपने वतन में है। गीता नाम भी इस लड़की को ईधी फ़ाउंडेशन की तरफ़ से ही मिला था।