गीलानी को सुप्रीम कोर्ट की तौहीन अदालत की नोटिस

ईस्लामाबाद,१७ जनवरी (पी टी आई /राईटर) पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने आज वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गिलानी को तौहीन अदालत का नोटिस जारी करते हुए बदउनवानी के देरीना मुक़द्दमात में सरकारी ज़िम्मा दारान बिशमोल आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ क़ानूनी चाराजोई में नाकामी पर अदालत में हाज़िर होने का हुक्म जारी किया।

अदालत-ए-उज़्मा का ये इक़दाम पाकिस्तान को और ज़्यादा बोहरान में मुबतला कर सकता है।सात रुकनी अदालती बंच की तरफ़ से जारी नोटिस में कहा गया है कि इन हालात में इस के सिवा कोई चारा नहीं था कि अव्वलीन इक़दाम के तौर पर वजह बताव नोटिस जारी की जाये।

वज़ीर-ए-आज़म को 19 जनवरी को शख़्सी तौर पर अदालत में हाज़िर होना चाहीए। फ़ाज़िल अदालत का ये इक़दाम हुकूमत को मज़ीद गहरे बोहरान में झोंक सकता है की उनका वो पहले ही मेमो स्कैंडल पर ताक़तवर मिल्ट्री के साथ तसादुम की राह पर गामज़न है।

अदालत का हुक्मनामा जस्टिस नसीर उल-मुल़्क की ज़ेर क़ियादत सात रुकनी बंच ने जारी किया जिस ने ज़रदारी और ज़ाइद अज़ 8 हज़ार दीगर के ख़िलाफ़ बदउनवानी के नामी गिरामी मुआमला दुबारा खोलने के लिए फ़ाज़िल अदालत के अहकाम से मुताल्लिक़ केस की समाअत आज शुरू की ।

बंच ने गीलानी को हिदायत दी कि अदालत में शख़्सी तौर पर हाज़िर होते हुए वज़ाहत करें कि क्यों ना उन के ख़िलाफ़ तहक़ीर अदालत की कार्रवाई शुरू की जाय जबकि उन्हों ने अदालत के अहकाम का दानिस्ता तौर पर अदम एहतिराम किया है ।