हैदराबाद: गुंटूर के मुस्लमानों पर पुलिस उत्पीड़न के ख़िलाफ़ सी पी आई एम का विरोध जंग के मैदान में बदल गया। घरों पर नज़रबंद करने और शहर की नाका बंदी के बावजूद विरोध करने वाले नेताओं पर पुलिस ने ताक़त का उप्योग करते हुए उत्पीड़न -बरबरीयत की मिसाल क़ायम कर दी। पुलिस के लाठी चार्ज और सी पी आई एम के वरिष्ट नेताओं को गिरफ़्तार करने के मनज़र ने कश्मीर की याद ताज़ा करवा दी।
याद रहे की रमज़ान उल-मुबारक में ईद-उल-फ़ित्र से पहले मुस्लिम लड़की का बलात्कार करने वाले के ख़िलाफ़ विरोध करने वाले मुस्लमानों पर पुलिस उत्पीड़न ढा रही है और क़दीम गुंटूर इलाके के मुस्लमानों पर ढाए जा रहे पुलिस उत्पीड़न के ख़िलाफ़ कोई आवाज़ उठाने वाला नहीं हालाँकि सत्तारूढ़ तेलुगू देशम और विधानसभा सदस्य वाई एस आर सी पी मुस्लमानों के आरक्षन के लिए बलंद बाँग दावे कर रहे हैं।
इस ज़ुल्म व ज़्यादती की रिपोर्ट के साथ ही पूर्व सदस्य राज्यसभा माकपा श्री पी मधु ने विरोध की घोषणा और वामपंथी एक और शक्तिशाली पार्टी सीपीआई भी मुसलमानों के खिलाफ जारी अत्याचार को रोकने के मोर्चे में शामिल हो गई। श्री मुडो ने आंध्र प्रदेश में विरोध बढ़ाने की घोषणा की, और सरकार को निष्पक्ष परीक्षण करने की मांग की।