आंधरा प्रदेश इंसानी हुक़ूक़ कमीशन के चीयरमैन जस्टिस निसार अहमद ककरो ने ज़िला गुंटूर में यौमिया उजरत पर मेहनत-ओ-मज़दूरी करने वाले गरीब माँ बाप की जानिब से अपने बच्चा को फ़रोख़त करने से मुताल्लिक़ रोज़नामा सियासत में शाय शूदा ख़बर का अज़ ख़ुद नोट लेते हुए रियासती डायरैक्टर जनरल पुलिस वी दिनेश रेड्डी को हिदायत की है
कि इंसानी हुक़ूक़ की ख़िलाफ़वरज़ी के इस बद बख्ता ना वाक़िया पर मुताल्लिक़ा पुलिस से रिपोर्ट तलब करें और मज़लूम बच्चा को खरीदार के क़बज़ा से आज़ाद करने के लिये इक़दामात करें ।
जस्टिस ककरो ने मुताल्लिक़ा ज़िला सुपरनटेनडनट पुलिस या अस्सिटैंट कमिशनर पुलिस को हिदायत की है कि वो यक्म अगस्त तक शख़्सी तौर पर होते हुए रिपोर्ट पेश करें ताकि कमीशन की तरफ़ से अगर ज़रूरी हो तो मज़ीद इक़दामात किए जाएं ।
जस्टिस ककरो ने अपने सहाफ़ती आलामीया में कहा है कि मुम्किन है कि गरीब वालदैन ने अशकबार आँखों के साथ अपने लख़त-ए-जिगर को फ़रोख़त करने का फैसला किया होगा ।
लेकिन ये हक़ीक़त अपनी जगह मुस्लिमा है कि ये माँ बाप ख़ाह वो कितने ही गरीब ही क्यों ना थे होंगे अपने बच्चा की परवरिश-ओ-शफ़क़त का फ़रीज़ा निभाने में नाकाम होगए हैं और ख़ुद अपने ही हाथों अपने बचा के इंसानी हुक़ूक़ की ख़िलाफ़वरज़ी किये हैं ।
इस दो साला बच्चा को खरीदने वाला शख़्स भी इंसानियत के ख़िलाफ़ इस जुर्म का मसावियाना(बराबर) तौर पर ख़तावार है ।
बिलाशुबा ये बच्चा इंतिहाई गरीब ख़ानदान का होगा लेकिन इस को इस के ख़ानदानी विरासत से महरूम नहीं किया जा सकता क्यों कि ये इस का इंसानी हक़ है ।