गुजरात की तरक़्क़ी मोदी का सफ़ैद झूट , केजरीवाल का दावा

गुजरात की तरक़्क़ी के बारे में सफ़ैद झूट बोलने का नरेंद्र मोदी पर इल्ज़ाम आइद करते हुए आम आदमी पार्टी के सरबराह अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि वो चीफ़ मिनिस्टर गुजरात से तरक़्क़ी के दावओं पर तबादला-ए-ख़्याल के लिए मुलाक़ात करना चाहते हैं।

साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर दिल्ली ने कहा कि उन्होंने गुजरात में तरक़्क़ी के दावओं के बारे में 16 सवालात किए हैं और चाहते हैं कि तमाम मसाइल पर मोदी के साथ बातचीत करें। बशर्तके उनहीं फ़ुर्सत हो। केजरीवाल गुजरात की तरक़्क़ी के मोदी के दावओं की जांच के लिए गुजरात के 4 रोज़ा दौरे पर हैं।

उन्होंने गैस की क़ीमत के ताय्युन का मामला उठाया और कहा कि इस बारे में मोदी को अपना मौक़िफ़ वाज़िह करना चाहिए। हुकूमत गुजरात ने मुतालिबा किया है कि गैस की क़ीमत 16 अमरीकी डालर होनी चाहिए। पहले यू पी ए हुकूमत ने गैस की क़ीमत 4 डालर से बढ़ाकर 8 डालर करने की इजाज़त दी थी।

उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि हुकूमत गुजरात शमसी तवानाई 15 रुपये फ़ी यूनिट ख़रीद रही है जबकि दीगर मुक़ामात पर उसकी क़ीमत 8 रुपये फ़ी यूनिट है। उन्होंने मोदी हुकूमत में बदउनवान वुज़रा का मसला उठाते हुए इल्ज़ाम आइद किया कि चीफ़ मिनिस्टर के मुकेश अंबानी के साथ रवाबित हैं।

उन्होंने सवाल किया कि बाबू बख़ैरया को वज़ीर क्यों बनाया गया हालाँकि उन्हें कानकनी में मुजरिम क़रार देकर 3 साल की सज़ाए क़ैद सुनाई गई है और वो फ़िलहाल ज़मानत पर रिहा हैं। दूसरे वज़ीर पुरुषोत्तम सोलंकी 450 करोड़ रुपये मालियती समकयात स्कैंडल में मुजरिम क़रार दिए गए हैं, वो भी काबीना में शामिल हैं।

क्या 6 करोड़ गुजरातियों में एक भी दयानतदार गुजराती नहीं है जिसे वज़ीर बनाया जा सके। लोगों का कहना है कि मुकेश अंबानी से मोदी के क़रीबी ताल्लुक़ात हैं जिसकी वजह से अंबानी घराने के दामाद को वज़ीर बना दिया गया। सौरब पटेल को गैस, पेट्रोल, बर्क़ी तवानाई और मादनियात का क़लमदान दिया गया यानी क़ुदरती गैस के गुजरात के तमाम वसाइल अंबानियों के हवाले कर दिए गए।

रियासत में बेरोज़गारी की सूरत-ए-हाल क़ाबिल-ए-रहम है। हाल ही में मामूली नौकरी की 1500 जायदादों के लिए 13 लाख अफ़राद ने दरख़ास्त दी थी। इस से गुजरात में बेरोज़गारी बेइंतेहा होने का पता चलता है। सरकारी ज़ेरे इंतेज़ाम कारख़ानों में कॉन्ट्रैक्ट पर मुलाज़िमत के बारे में केजरीवाल ने कहा कि नौजवानों के इस्तेहसाल के मोदी ही ज़िम्मेदार हैं।

तालीम-ए-याफ़ता नौजवानों को 3300 रुपये माहाना की मामूली तनख़्वाह पर आरिज़ी मुलाज़िमतें फ़राहम की जा रही हैं। वो 3300 रुपये में अपने ख़ानदान का ख़र्च कैसे चलाईंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में आम आदमी पार्टी कारकुनों ने देही इलाक़ों में तालीमी सहूलतों के दावे की जांच के लिए देहातों का दौरा किया। सरकारी स्कूल बदतरीन हालत में हैं। हिफ़्ज़ान-ए-सेहत का निज़ाम मुनहदिम होचुका है। काश्तकार अपनी अराज़ी के जो हुकूमत ने हासिल की है बहुत कम मुआवज़ा हासिल करसके हैं।