गुजरात की हिंसा पर शिवसेना की प्रतिक्रिया

मुंबई: गुजरात और देश के कुछ स्थानों पर हिंसा पर नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए सहयोगी शिवसेना ने आज कहा है कि यह संकेत मिलता है कि अस्थिर शासन से जनता त्रस्त हैं। जबकि प्रधानमंत्री शांति मखोटह लगाकर सारी दुनिया में घूम रहे हैं। पार्टी के प्रवक्ता सामना के संपादकीय में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शांति मखोटह लगाकर विभिन्न देशों का दौरा कर रहे हैं जबकि उनके पैतृक गुजरात जल रही है। जिसके कारण गुजराती जनता की मानसिकता उजागर होती है। अगर पुलिस देश के विभिन्न क्षेत्रों में बंदूक के बल पर कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश करेगी तो सरकार की अक्षमता प्रदर्शित हो जाएगी।

शिवसेना ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवादियों ने खून खराबा का बाजार गर्म कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में शांति और शासन को नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिस पर देशद्रोही जश्न मना रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि जो लोग देशभक्ति के नारे नहीं लगाएंगे उन्हें देश में रहने का अधिकार नहीं है। इसके विपरीत वह (भाजपा) ऐसी सरकार का हिस्सा बन गई है जिसमें शामिल पार्टी नेताओं ने ‘भारत माता की जय’ कहने से इनकार कर दिया है।

शिवसेना ने यह सवाल किया है कि अगर हरदीक पटेल के समर्थकों ने आरक्षण के नाम पर हिंसा भड़काने है तो उनके खिलाफ कार्य‌वाई की जा सकती है लेकिन उनके खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाकर जेल भेज दिया कहाँ तक उचित है? पार्टी ने कहा है कि भाजपा हाईकमान जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए पाकिस्तान नवाज़ शरीफ‌ पार्टी से बातचीत के लिए तैयार हो गई लेकिन गुजरात में अपने ही लोगों से बातचीत करने के लिए समस्या बना दिया। कि एक योग्य शासक (प्रधानमंत्री) को शोभा नहीं देता। जबकि नरेंद्र मोदी के समर्थक युवा हरदीक पटेल की रिहाई के लिए सड़क पर विरोध के लिए निकल आए हैं। शिवसेना ने सलाह दी कि हरदीक पटेल और कन्हैया कुमार जैसे नेताओं ने सरकार को चुनौती दी है। इसके बावजूद भाजपा ने चुप्पी साध ली है जबकि समस्या का समाधान करना चाहिए।