गुजरात चुनाव जैसे जैसे क़रीब आ रह है वैसे वैसे कई संगठन भाजपा के खिलाफ मुखर होते जा रहे है इस बीच इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार,राज्य की सामाजिक और स्वास्थ्य वर्कर्स ‘आशा’वर्कर्स ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है।
प्रदेश में करीब 42000 आशा कार्यकर्त्ता है इनकी विभिन्न मांगे है लेकिन राज्य सरकार ने इनकी अधिकतर मांगो को ख़ारिज कर दिया जिसके वजह से चुनाव के एन वक़्त पर आशा कार्यकर्ताओ ने वड़ोदरा के कपुराई गाँव में एक सभा करके भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने का एलान किया।
आशा कार्यकर्ताओ के विरोध की अगुवा चंद्रिका सोलंकी ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार महिला विरोधी,हिटलर शाही की नीति पर चल रही है।बता दे सोलंकी एक अध्यापक है लेकिन आशा कार्यकर्ताओ के आन्दोलन की अगुवा होने के वजह से सरकार ने उनको सेवा से निलंबित कर दिया है।कार्यकर्ताओ ने ‘अगली बार ये सरकार नही चाहिए’जैसे नारे लगाये।
वडोदरा शहर के पास कपुराई की रहने वाली आशा कार्यकर्त्ता कैलाश परमार ने कहा कि बुधवार को उनके पास भाजपा नेता भूपेन्द्र लाखावाला आये थे मैंने उनको गाँव से चले जाने को कह दिया जिसके बाद वो चले गये।आशा कार्यकर्ताओ ने कांग्रेस को समर्थन की बात कही है,इनका कहना है कि कांग्रेस कम से कम उनकी बात सुन रही है वही भाजपा तो बात करने के लिए ही तैयार नही है।
सोलंकी को प्रतापनगर में भाजपा के खिलाफ पम्पलेट बाटने के आरोप में भी गिरफ्तार किया गया था।इनकी गिरफ्तारी पर पुलिस कमिश्नर मनोज सशिधार ने कहा,”हमने लॉ एंड आर्डर की खराब होने के अंदेशे में इन सब को गिरफ्तार किया है।
मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट के अनुसार आशा कार्यकर्त्ता किसी राजनैतिक पार्टी के खिलाफ और पक्ष में प्रचार नही कर सकती है।
ख़बर रहे गुजरात में 9 और 14 दिसम्बर को मतदान होना है 18 दिसम्बर को हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजों के साथ ही गुजरात के भी नतीजे आयेंगे।