गुजरात चुनाव में बीजेपी को पिछड़ता देख RSS परेशान, लोगों को दिलायेगी राष्ट्रहित की याद

अहमदाबाद। गुजरात में चुनाव की अंतिम तारीख सर पर आने के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने नए सिरे से कमर कस ली है। हाल की राज्य स्तर पर की शीर्ष बैठक में इसने तय किया है कि इसके लिए अनौपचारिक मंचों से ‘संपर्क अभियान’ को तेज किया जाएगा।

इनका पूरा जोर राज्य के वोटरों को जातीय आधार पर बंटने से रोकना है। इसके अलावा ये बुद्धिजीवियों, व्यापारियों और युवाओं को लक्ष्य कर के भी अभियान चलाए जा रहे हैं। चुनाव सिर पर होने के बावजूद राज्य में संघ अब तक बहुत सक्रिय नहीं था।

इसके एक वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं, ‘राज्य के ताजा हालात को देखते हुए हमें अपनी दूसरी कार्ययोजना को सक्रिय करना पड़ा। ताजा बैठक में माना गया कि भाजपा को ‘अपने हाल पर छोडऩा ठीक नहीं होगा।’ इसमें दो स्तरीय रणनीति पर काम किया जा रहा है।’

संघ के आधिकारिक संगठन से सिर्फ मतदाता जागरूकता अभियान चलेगा। संघ ने संगठन के प्रचार विभाग और संपर्क विभाग के साथ ही सेवा विभाग को भी इसके लिए सक्रिय कर दिया है।

तहसील स्तर पर इन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि ये अधिक से अधिक सामाजिक सद्भाव बैठकें कर लोगों को ‘राष्ट्रहित’ की याद दिलाएं।