अहमदाबाद। गुजरात सरकार का सिरदर्द आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है। पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को 27 मांगों वाली एक लिफाफा बंद चिट्ठी भेजी है। पटेल आरक्षण के मसले पर हार्दिक इन मांगों के आधार पर समझौता करने पर अड़े हैं।
इतना ही नहीं, बाकी पाटीदार नेताओं ने भी प्रशासन को इस बात के मजबूत संकेत दिए हैं कि यह गतिरोध तब तक खत्म नहीं होगा जब तक हार्दिक रिहा नहीं होते हैं। इन सब से यह तो साफ है कि पाटीदार समुदाय समझौते के मूड में बिल्कुल नहीं है।
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के संयोजक वरुण पटेल ने कहा,’हार्दिक और बाकी नेताओं पर देशद्रोह का केस लगाया गया है और अभी तक उन्हें जमानत नहीं मिली है। हमें लगता है कि बीजेपी हार्दिक पटेल को रिहा नहीं करना चाहती।
लेकिन हमने अपने 27 पॉइंट्स में यह साफ कर दिया है कि पहले हार्दिक को रिहा किया जाए और पाटीदारों पर लगाया गया देशद्रोह का केस वापस लिया जाए। तभी हम आरक्षण मुद्दे पर सरकार के साथ किसी तरह के समझौते के लिए तैयार होंगे। अन्यथा हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
हार्दिक पटेल की चिट्ठी सासंद विट्ठल रदाड़िया और पाटीदार नेता जेराम पटेल के जरिए मुख्यमंत्री तक पहुंचाई गई। रदाड़िया ने कहा कि चूंकि चिट्ठी सीलबंद थी इसलिए उन्हें 27 मांगों के बारे में नहीं पता है। रदाड़िया ने कहा,’आनंदीबेन ने हमसे कहा कि वह चिट्ठी को पढ़ेंगी और तय समय में उसका जवाब देंगी। हमें लगता है कि सरकार का रुख सकारात्मक है।
पाटीदार नेता जेराम पटेल ने कहा,’हो सकता है कि चार-पांच दिनों में सरकार हमारी चिट्ठी पढ़ लेगी और हमें जवाब देगी। हमने जेल में हार्दिक पटेल और समिति के 14 नेताओं से बातचीत करके ही चिट्ठी लिखी थी।’ वहीं, हार्दिक पटेल के पिता भरत पटेल ने कहा कि पाटीदारों की मांग किसानों के विकास, शिक्षा और लव जिहाद से जुड़ी है।
समिति के दूसरे नेता अतुल पटेल ने कहा,’जेएनयू के कन्हैया कुमार को 20 दिनों में ही जमानत मिल गई लेकिन हमारे नेताओं को चार महीने में भी बेल नहीं मिली। राज्य सरकार ने हमारे नेताओं को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
इसलिए हम जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।’ गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल पटेल समुदाय को ओबीसी कैटिगरी के तहत आरक्षण दिलाने में अपनी असमर्थता जाहिर कर चुकी हैं। उन्होंने पाटीदारों से विरोध प्रदर्शन खत्म करने की अपील की थी लेकिन पाटीदार अपनी मांग पर अड़े रहे।
Source – NBT