गुजरात दंगों के बाद भी नरेंद्र मोदी सरकार ने NDTV पर लगाया था बैन

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा हिंदी न्यूज़ चैनल एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन के बैन लगाये जाने के विरोध में सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है। भाजपा सरकार ने एनडीटीवी पर पठानकोट हमलों की कवरेज के दौरान संवेदनशील जानकारियां देने के आरोप में ये प्रतिबंध लगाया है।इस बीच एनडीटीवी का कहना है कि “सभी समाचार चैनलों और अखबारों की कवरेज एक जैसी ही थी। वास्तैविकता में NDTV की कवरेज विशेष रूप से संतुलित थी। आपातकाल के काले दिनों के बाद जब प्रेस को बेड़ियों से जकड़ दिया गया था, उसके बाद से NDTV पर इस तरह की कार्रवाई अपने आप में असाधारण घटना है”। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि एनडीटीवी इंडिया से पीएम मोदी ने अपनी पुरानी दुश्मनी निकाली है। हम इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि पीएम मोदी और एनडीटीवी के कैसे हैं रिश्ते?
बहुचर्चित गुजरात दंगा साल 2002 में गुजरात के गोधरा में हुआ था जिसमें हजारों की संख्या में लोग मारे गये थे. मारे गये लोगों में अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोग थे इस बात को तत्कालीन मोदी सरकार मीडिया के जरिये पुरे देश को नहीं बताना चाहती थी. उस वक्त देश के तीन बड़े चैनल जी न्यूज, आज तक और स्टार न्यूज ने इसकी रिपोर्टिंग इसमें शामिल भीड़ के धर्म की पहचान के साथ की थी। दंगे भड़कने पर जी न्यूज और आज तक ने अपने संवाददाताओं को कहा कि वे इस दौरान हिंदू और मुस्लिम टर्म का इस्तेमाल ना करें। लेकिन वर्तमान में एबीपी न्यूज़ और तत्कालीन स्टार न्यूज के लिए राजदीप सरदेसाई और बरखा दत्त काम कर रहे थे, इन्होंने पीड़ितों के समुदाय की पहचान जाहिर करने का फैसला लिया। यह घटना का सच दिखाने के लिए जरूरी था। यह जानकारी नलिन मेहता ने अपनी बुक ‘India onTelevision: How Satellite News Channels Have Changed the Way We Think and Act’ में दी है।

इसके बाद नरेंद्र मोदी की छवि एक हिन्दू कट्टरपंथी की बन गई। वहीं मोदी ने बरखा दत्त और राजदीप सरदेसाई के चैनल पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया। इसके बाद ही एनडीटीवी और पीएम मोदी में तनातनी शुरू हुई, जो कि अभी तक चल रही है। इसके बाद भी इसके कई उदाहरण देखने को मिले। एक इंटरव्यू में पत्रकार मधु किश्वर से मोदी ने कहा था, ‘गुजरात दंगों के दौरान उन्होंने खुद राजदीप और बरखा दत्त को फोन किया था और दंगे बढ़ाने के लिए उन्हें सुनाया था।’ उन्होंने बताया कि उन्होंने राजदीप को धमकी भी दी थी कि अगर वे अपनी ऐसी रिपोर्टिंग नहीं बंद करेंगे तो उनके चैनल को बैन कर दिया जाएगा। लेकिन चैनल ने अपनी रिपोर्टिंग बंद नहीं की तो नरेंद्र मोदी (तत्कालिन गुजरात सीएम) ने चैनल को एक दिन के लिए बैन कर दिया था।
इसके बाद भी सालों तक एनडीटीवी ने मोदी का 2002 के दंगों को लेकर पीछा नहीं छोड़ा। साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीटीवी के विजय त्रिवेदी ने पीएम मोदी से एक हेलीकॉप्टर में इंटरव्यू करते हुए 2002 के बारे में सवाल पूछा। इसके बाद मोदी पहले की तरह चुप्पी साध गए। उन्होंने उसके बाद त्रिवेदी के एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया था। इसके बाद कारवां मैगजीन ने रिपोर्ट में लिखा था कि पीएम मोदी ने त्रिवेदी को हेलीकॉप्टर से उतार दिया था और उन्हें सड़क के रास्ते आना पड़ा। मोदी ने बाद में किश्वर को बताया था कि ‘त्रिवेदी ने झूठी अफवाह फैलाई कि जब उन्होंने कठिन सवाल पूछे तो मैं उन्हें आसमान में ही हेलीकॉप्टर से नीचे फेंकने वाला था।’ मोदी ने किश्वर को बताया कि उस दिन उन्होंने तय कर लिया था कि वे कभी भी एनडीटीवी को इंटरव्यू नहीं देंगे और उनके किसी भी सवाल का जवाब नहीं देंगे।