अहमदाबाद: आप यह जान कर हैरान रह जाएंगे कि यहां मुस्लिम आबादी वाले इलाकों को उनके नाम से नहीं बल्कि पाकिस्तान या छोटा पाकिस्तान के नाम से जाना जाता है.
अहमदाबाद के जुहापुरा में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी रहती है, और कुछ फासले पर ही वेजलपुर है जहां हिंदुओं की आबादी ज्यादा है. इसलिए यहां जुहापुरा को लोग “मिनी पाकिस्तान” और वेजलपुर को हिंदुस्तान के नाम से जानते हैं. साथ ही इसे बांटने वाली सड़क को “वाघा बॉर्डर” के नाम से जाना जाता है.
आलम यह है कि यह सारे नाम शहरी लोगों की आम बोलचाल का हिस्सा हो गया है. हद तो तब हो गई जब राखियल पुलिस स्टेशन में 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करते वक्त पुलिस ने 2 मुल्ज़िम , बाबू अजीजभाई और फैजान अजीजभाई, को पाकिस्तान का रहने वाला बता दिया गया.
आपको बता दें कि अहमदाबाद का यह ‘छोटा पाकिस्तान’ असल में एक हाउजिंग एन्क्लेव है. साबरमती नदी के किनारे चल रही एक प्रोजेक्ट की वजह से वहां रहने वाले तकरीबन 2,500 मुस्लिम खानदान को झुग्गियों से निकाल कर यहां बहाल कर दिया गया है. दूसरे ब्लॉक में दोनों फिर्के के तकरीबन 1,500 खानदान रहते हैं.
2 साल पहले पत्थर फेंके जाने की एक वाकिया के बाद गुजरात के इस मुबय्यना तौर पर “हिंदुस्तान” और “पाकिस्तान” के बीच एक पुलिस चौकी की भी कायम की गई थी, जिसे “सद्भावना चौकी” नाम दे दिया गया. मुकामी लोगों से बात करने पर वह बताते हैं कि, “हमें तो इसकी आदत हो चुकी है. यहां तक कि ऑटोरिक्शा ड्राइवर भी पूछते हैं कि हम हिंदुस्तान जाना चाहते हैं या फिर पाकिस्तान.”
होम सेक्रेटरी जी.एस.मल्लिक ने कहा कि, “कई बार शिकायतें इसी तरह की आम बोलचाल और चलन की ज़ुबान में दर्ज करवाई जाती हैं. इस मामले में भी शिकायतगुजार ने अपने बयान में इसका जिक्र किया होगा. हो सकता है कि उसने कोई शरारत की हो, लेकिन पुलिस वालों को एफआईआर में लिखने से पहले इत्तेला को दोबारा जांच लेना चाहिए था. वैसे भी जांच के दौरान इस तरह की गड़बड़ियां ठीक कर दी जाती हैं.
इसके अलावा मैं इस मामले पर कोई तब्सिरा नहीं कर सकता क्योंकि मैंने अभी तक मुताल्लिक एफआईआर को नहीं देखा है. वैसे इतना तो तय है कि एफआईआर जैसे अहम दस्तावेज में शहर के मुस्लिम अक्सरियत वाले इलाके को पाकिस्तान कहा जाना आम नहीं है.
राखियल पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर बरकत अली चावड़ा ने कहा, “एफआईआर दर्ज करने वाले ने पते में पाकिस्तान इसलिए लिखा क्योंकि सिटी कंट्रोल रूम ने हमें जब वाकिया की इत्तेला दी थी तो उन्होंने यही पता बताया था. यहां यह बेहद आम है. वहां रहने वाले भी खुद को पाकिस्तान में रहने वाला बताते हैं.” अहमदाबाद बलदिया के रिकॉर्ड के मुताबिक, वह ब्लॉक जहां दोनों फिर्के की आबादी रह रही है उसे ‘सद्भावना नगर’ का नाम दिया गया है. वहीं, मुस्लिम ब्लॉक का नाम सरकारी तौर पर वसंत गजेंद्र गडकर नगर है.
गडकर वह शख्स हैं जिन्हें फिर्कावार्ना हमआहंगी कायम करने की कोशिश करने वाले शख्स के तौर पर जाना जाता है. उन्हीं के नाम पर मुस्लिम ब्लॉक को उसका नाम मिला.
आपको बता दें कि इससे पहले मुंबई के नालासोपारा में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां 500 मुस्लिम खानदान को मुबय्यना थित तौर पर जो बिजली बिल दिया जा रहा है उसमें उनके पते के तौर पर ‘छोटा पाकिस्तान’ का जिक्र किया गया है.