मर्कज़ की जानिब से अलाहिदा तेलंगाना के क़ियाम के फ़ैसले के ऐलान के बाद मुल्क की कई रियासतों में अलाहिदा रियासतों के क़ियाम के बढ़ते हुए मुतालिबात के दौरान सौराष्ट्र सन्कालिन समिति ने सौराष्ट्र को गुजरात से अलग करने का मुतालिबा करते हुए इल्ज़ाम आइद किया कि रियासती हुकूमत ने इस इलाक़े को नजरअंदाज़ कर दिया है।
इस समिति के सदर पराग तिजोरा ने कहा कि सौराष्ट्र के अवाम को पीने के पानी की शदीद क़िल्लत का सामना है। इस इलाक़े के नौजवान रोज़गार की तलाश के लिए नक़ले मुक़ाम कररहे हैं। साहिली पुत्ली पर कोई तरक़्क़ी नहीं की गई है।
अगर सौराष्ट्र की अपनी रियासती हुकूमत होगी तो ये इलाक़ा कहीं ज़्यादा बेहतर अंदाज़ में तरक़्क़ी करसकता था। मुक़ामी कारकुनों की एक तंज़ीम सवराष़्ट्रा सन्कालिन समीती ने गुजरात से सवराष़्ट्रा की अलहिदगी के लिए 2001 में तहरीक शुरू की थी। गुजरात में बहरे अरब के साहिल पर सवराष़्ट्रा में सात अज़ला हैं।