अहमदाबाद, 09 अप्रेल: रियासत गुजरात के अहम ख़तों में आबी क़िल्लत ने अब सयासी सतह पर भी अपना असर दिखाना शुरू करदिया है,क्योंकि अपोज़ीशन पार्टियां और मुख़्तलिफ़ एन जी औज़ नरेंद्र मोदी की शदीद मुख़ालिफ़त कर रहे हैं और उन्हें एक ऐसे वज़ीरे आला से ताबीर कर रहे हैं जवाबी क़िल्लत पर क़ाबू पाने या इस बोहरान को हल करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं और ना ही कोई कार्रवाई कर रहे हैं। दूसरी तरफ़ हुकूमत गुजरात ने मर्कज़ी हुकूमत को निशाना बनाते हुए कहा कि सरदार सुरूर डैम की ऊंचाई बढ़ाने की इजाज़त ना देकर मर्कज़ी हुकूमत भी चूहे बिल्ली का खेल, खेल रही है,क्योंकि डैम के गेट्स तामीर करने की अजामत भी नहीं दी जा रही है और जो तामीराती काम चल रहा था, उसे भी रोक दिया गया।
हुकूमत का ये भी कहना है कि अगर मर्कज़ी हुकूमत ने डैम की ऊंचाई बढ़ाने की इजाज़त दी होती तो इस के ज़रिये दरयाए नर्मदा का पानी सौराष्ट्र और कुछ लाया जा सकता था। नरेंद्र मोदी ने अपने एक हालिया बयान में कहा था कि रियासत को दरपेश आबी बोहरान को अपोज़ीशन पार्टियां समझने से क़ासिर हैं।