गुजरात में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक, आखरी बैठक 1961 में हुई थी!

कांग्रेस आज 58 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में अपनी कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक करने वाली है जिसमें लोकसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप देगी और प्रचार अभियान का बिगुल फूंकेगी।

सीडब्ल्यूसी की बैठक का इस मायने में खासा महत्व है कि यह बैठक आम चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा के दो दिन बाद हो रही है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस महात्मा गांधी और सरदार पटेल की भूमि से पूरे देश में मजबूत राजनीतिक संदेश देने की कोशिश में हैं।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले अहमदाबाद में साबरमती आश्रम में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है। गुजरात में 58 वर्षों के बाद कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक होने जा रही है। राज्य में सीडब्ल्यूसी की आखिरी बैठक 1961 में हुई थी।

सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद कांग्रेस गांधीनगर में ‘जय जवान, जय किसान’ सभा का आयोजन करेगी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हो सकती हैं। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी इसी सभा के दौरान कांग्रेस में शामिल होंगे।

इस बैठक में राहुल गांधी के साथ ही सोनिया, प्रियंका, मनमोहन सिंह समेत कई पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। पार्टी की बैठक से पहले कांग्रेस के लीडर्स का साबरमती आश्रम में प्रार्थना सभा का कार्यक्रम है।

बैठक के बाद गांधीनगर के अडालज में एक रैली है जिसमें राहुल, सोनिया और प्रियंका शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि इस रैली को प्रियंका गांधी भी संबोधित कर सकती हैं।

कांग्रेस रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन कर सकती है लेकिन चुनाव से पहले विधायकों की भागमभाग ने पार्टी बैकफुट पर है और नेता मीडिया में डैमेज कंट्रोल कर रहे हैं।

वहीं हार्दिक का दावा है कि वो अब बहुजन की राजनीति करेंगे लेकिन पाटीदारों के आरक्षण की मांग पर पूरे गुजरात को हिंसा की आग में झोंकने का इतिहास लोग अभी भूले नहीं हैं। तब, जबकी गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर 23 अप्रैल को चुनाव हैं।