गुजरात में किराये के घर के लिए दर-दर भटक रहा बेंगलूरू का मुस्लिम परिवार

वडोदरा। एक इंजीनियर पिछले 15 दिनों से वडोदरा में किराये के घर की तलाश में दर-दर भटक रहा है लेकिन मुसलमान के कारण घर नहीं मिलने से वह होटल में रह रहा है।

पूर्व में वह बेंगलुरू में काम कर रहा था हाल ही यहाँ नया प्रस्ताव मिलने पर वह परिवार के साथ शहर आया हुआ है। वह अनेकता में एकता वाले देश में किराये के लिए घर नहीं मिलने पर स्तब्ध है, वह मकान मालिकों की इस प्रतिक्रिया से दंग रह गया। जिस देश में हम एक दूसरे की संस्कृति का आत्मसात करते हैं, बिना भेदभाव के हैं, वहां भला यह कैसे हो सकता है।

किराये के घर के लिए इस परिवार के लिए किसी का दरवाजा नहीं खुला। पूरा मामला उस वक़्त सामने आया जब उसका बहनोई इस पीड़ा को रोक नहीं सका और सोशल मीडिया पर घर नहीं मिलने वाली पोस्ट डाल दी।

इस पोस्ट पर कई चीजों का ज़िक्र किया गया था। पोस्ट में लिखा गया कि साक्षर लोग भी मुसलमानों के प्रति अपनी सोच को नहीं बदल पा रहे हैं। फिलहाल वह कंपनी की ओर से मुहय्या कराये गए होटल में रह रहे हैं और एक अच्छे फ्लैट की तलाश में हैं।

अब तक 30 फ्लैट देख चुके हैं लेकिन मुस्लिम कारण घर नहीं मिल रहा है। पोस्ट पर उन्होंने लिखा है कि उनके साथ एक गैर मुस्लिम दोस्त भी यहाँ आये थे जिनको दो दिन में घर मिल गया।

अभी तक वह फ्लैट की तलाश में है, यह हालात हैं गुजरात का वडोदरा शहर के। उनके भाई-भाभी एरोनॉटिकल इंजीनियर हैं जो एक सभ्य समाज के बीच रहना चाहते हैँ।
आप कितने भी पढ़े हो यह कोई मायने नहीं रखता, अगर आप मुस्लिम तो यह बात उनके लिए कमरे को इनकार करने के लिए काफी है। ऐसे में आपसी एकता वाली बातें बेकार हैं। इस प्रकार की घटनाएं देश ही नहीं विदेशों में भी हो रहे हैं। देश के मेट्रो सिटी में इस तरह की घटनाएं अधिक हो रही हैं।