अहमदाबाद: रियासत गुजरात में 6.29 लाख से भी ज़्यादा नौजवान कुवांरे बैठे हैं। ऐसा नहीं है कि 30 से 40 साल की उम्र के ये नौजवान माली , सामाजी या तालीम मे किसी भी नज़र से कमजोर या नाकाबिल है बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि गुजरात में शादी के काबिल लड़कियों की तादाद बेहद कम हो गई है।
Female foeticide और दूसरे वजुहात की वजह से वहां पर Sex Ratio फी 1000 लड़कों पर सिर्फ 886 लड़कियां है। किसी किसी मुकाम पर तो यह रेशियो फी 100 लड़कों पर सिर्फ 70 लड़कियां ही रह गयी है।
आबादी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक रियासत में कुँवारी लड़कियों की तादाद तकरीबन ढाई लाख है जबकि कुवारें लड़कों की तादाद इससे तीन गुनी यानी तकरीबन साढ़े सात लाख है।
इन कुवांरे नौजवानो में हाईली क्वालिफाईड नौजवानों से लेकर एलीट क्लास तक के लड़के भी शामिल हैं। इनमें से ज़्यादातर पोस्टग्रेजुएट या डॉक्टरेट किए हुए हैं, अच्छी तंख्वाह का पैकेज उठा रहे हैं और तकरीबन मुल्क के हर मैरिज ब्यूरो पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, हर इजतिमायी शादी की तकरीब में जाकर हिस्सा ले रहे हैं लेकिन शादी नहीं हो पा रही है।
ऐसे में अब लोग शादी कराने वाले दलालों से राबिता साध रहे हैं। लेकिन वहां भी उन्हें धोखाधड़ी की वजह से लोग यकीन नहीं कर पा रहे हैं। काबिल ए जिक्र है कि गुजरात, हरियाणा और पंजाब जैसे इलाकों में शादी के एक-दो दिन बाद ही नयी शादी शुदा बहुओं कि तरफ से घर की सारी ज्वैलरी और पैसे लेकर भागने के काफी मामले सामने आ रहे हैं।
हालांकि इस मसले का एक मुसबत पहलू भी है। पहले जहां लड़कियों के वालिद को शादी के लिए भटकना पड़ रहा था, उन्हें दहेज का इंतेज़ाम करना होता था लेकिन अब ऐसा नहीं है, अब लड़कियों को पहले से ज्यादा अच्छे, पढ़े-लिखे, दौलतमंद शौहर मिल रहे हैं और दहेज के बारे में भी नहीं सोचना पड़ता है।