गुजरात में दलित की हत्या के 11 आरोपियों को सुनाई गई उम्र कैद की सजा

गुजरात के गिर-सोमनाथ जिले में बृहस्पतिवार को 11 लोगों को मौत होने तक जेल में बंद रखने की सजा सुनाई गई। इन सभी को यह सजा 6 साल पहले सितंबर 2012 में ऊना तालुका क्षेत्र के अंकोलाली गांव में दलित समुदाय के 27 वर्षीय युवक लालजी सारवइया को जलाकर मार देने के आरोप में दी गई है। अदालत ने हर आरोपी को इस हत्या का दोषी ठहराने के बाद 54 हजार रुपये का जुर्माना भी भरने की सजा दी है।

इस मामले के सरकारी वकील मोहन गोहिल ने बताया कि ऊना कोर्ट के अतिरिक्त जिला जज एसएल ठक्कर ने फैसला सुनाते हुए इस मामले को ‘रेयरस्ट ऑफ रेयर’ और 2012 से ही जेल में बंद आरोपियों के खिलाफ कोई भी नरमी नहीं बरते जाने लायक करार दिया।

जज ने भाना कोली, बाबू कोली, धीरू कोली, भीखा कोली, राम कोली, पंचा कोली, प्रवीण कोली, हमीर कोली, अर्जन कोली, गबरू कोली और लालजी कोली को आखिरी सांस तक कैद में रखने की सजा सुनाते हुए कहा कि इनमें से कोई भी सजा में छूट पाने का हकदार नहीं होगा।

सारवइया एक पत्थर खदान में काम करता था और उसका परिवार अंकोलाली गांव में इकलौता दलित परिवार था। सारवइया ने खनन लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, जिसका कई ग्रामीण विरोध कर रहे थे। सारवइया पक्ष के वकील गोविंद परमार के मुताबिक, इन सभी ने मिलकर साजिश रची।

धीरू कोली ने अपनी बेटी का अपहरण कर अपने घर पर छिपाने का आरोप सारवइया पर लगाया। 13 सितंबर, 2012 को धीरू और अन्य लोगों ने सारवइया के घर पर बाहर से ताला लगाकर उसे अंदर बंद कर दिया। इसके बाद घर पर केरोसीन तेल छिड़ककर आग लगा दी गई, जिसमें जलकर सारवइया की मौत हो गई थी।