गुजरात: मेडिकल कॉलेज में व्यापम जैसे घोटाले का खुलासा

अहमदाबाद। गुजरात यूनिवर्सिटी और मेडिल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा फाइल एक आरटीआई से गुजरात के मेडिकल कॉलेजों में मध्य प्रदेश के व्यापम जैसा घोटाला होने का खुलासा हुआ है। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इस आरटीआई के मुताबिक गुजरात के मेडिकल कॉलेजों ने सौ से अधिक ऐसे छात्रों को मेडिकल की डिग्री दी है जो कि परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए हैं।

इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी शिकायत भेजी गई है। एमसीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक परीक्षा में अनुपस्थित रहे और फेल हुए छात्र पीजी मेडिकल एग्जाम में दाखिला नहीं पा सकते। नियमों की अनदेखी करते हुए स्टार किड्स को प्रवेश देने के लिए एमसीआई को झूठी मार्क शीटें भेजी गईं। आरटीआई में सामने आया है कि कुछ छात्र तो परीक्षा में भी शामिल नहीं हुए और रिकॉर्ड में उन्होंने परीक्षा में पास दिखाया गया है। कुछ मामलों में तो एमसीआई को गुमराह करने के लिए फ़र्ज़ जाति सर्टिफिकेट भी लगाए गए।

आरटीआई में कहा गया है कि इस तरह से जिस किसी को भी दाखिला मिला है वे प्रतिष्ठित डॉक्टरों और सरकारी अधिकारियों के परिवार से आते हैं। एक छात्र ने एंट्रेंस एग्जाम में 41 फीसदी नंबर हासिल किए थे लेकिन एमसीआई के रिकॉर्ड में 53 फीसदी नंबर दर्ज थे। इस तरह के कई मामले हैं जहां एमसीआई में दर्ज नंबर छात्र के वास्तविक नंबरों से अधिक हैं। गुजरात के स्वास्थ्य आयुक्त जेपी गुप्ता ने कहा कि एक सप्ताह पहले ऐसी शिकायत मिली है। हमें यूनिवर्सिटी से पुराने रिकॉर्ड जांचने होंगे। हमें शिकायतों और रिकॉर्ड दोंनों की जांच करेंगे और तब फैसला करेंगे कि क्या कार्रवाई की जाए।

गुजरात यूनिवर्सिटी से संबद्ध पीजी कॉलेजों में दाखिले के लिए जनवरी 2015 में एंट्रेंस टेस्ट हुआ था। बीजे मेडिकल कॉलेज और एनएचएल मेडिकल कॉलेज की 300 सीटों के लिए 900 छात्रों ने परीक्षा दी थी। इस परीक्षा को केवल 200 छात्र ही पास कर पाए थे इसीलिए 100 सीटें खाली रह गईं थी। आरटीआई में खुलासा हुआ है कि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स और अधिकारियों ने अपने परिचितों के बच्चों को प्रवेश देने के लिए नियमों का उल्लंघन किया।