गुजरात फ़सादाद की दस्तावेज़ात तलफ़ करने के दावा की तहक़ीक़ात का मुतालिबा

अहमदाबाद, १० नवंबर (पीटीआई) हुकूमत गुजरात के इस दावा पर कि गुजरात फ़सादाद 2002 से मुताल्लिक़ महकमा सुराग़ रसानी की चंद दस्तावेज़ात मुक़र्ररा क़वाइद ( नियम/ Rules) के मुताबिक़ तलफ़ कर दी गई हैं, शक करते हुए मुअत्तल आई पी एस ओहदादार संजीव भट्ट ने आज इस मुआमले की आली सतही तहक़ीक़ात का मुतालिबा किया।

संजीव भट्ट ने जस्टिस जी आई नानावती कमीशन के इजलास पर अपने बयान के दौरान एक दरख़ास्त पेश की, जब कि रियास्ती हुकूमत के मुशीर (सलाहकार) क़ानून ने पहले ये दावा किया था कि दस्तावेज़ात तलफ़ (नष्ट) की जा चुकी हैं। ये वाक़िया जून 2011 में पेश आया था।

बादअज़ां हाल ही में रियास्ती हुकूमत ने तहक़ीक़ाती कमीशन के इजलास पर एक हलफ़नामा पेश किया। मुअत्तल आई पी एस ओहदादार संजीव भट्ट ने कमीशन से दरख़ास्त की कि वो रिकार्डस तलफ़ करने के दावा की तहक़ीक़ात करे और इन दस्तावेज़ात का पता चलाने का हुक्म दे, जिन के बारे में झूटा दावा किया जा रहा है कि ये रिकार्डस मुरत्तिब (संग्रह/ एकत्रित) नहीं किए गए थे।

हुकूमत के हालिया हलफ़नामा में कोताहियां होने का दावा करते हुए संजीव भट्ट ने कमीशन से गुज़ारिश की कि फ़ौरी तौर पर एक आज़ाद आली सतही तहक़ीक़ाती कमीशन तशकील दिया जाए, जो कमीशन बराए तहक़ीक़ाती क़ानून की दफ़ा 5A के तहत महसला इख़्तयारात इस्तेमाल कर सके।