गुजरात फ़सादीयों पर मुल़्क की तारीख़ का पहला फ़ैसला

जनाब मुहम्मद अब्दुल रहीम क़ुरैशी सदर कल हिंद मजलिस तामीर मिल्लत ने नरोडा पाटिया क़तल-ए-आम केस में ख़ुसूसी जज मुहतरमा ज्योत्सना बैन हॉगिंग ने मुख़्तलिफ़ पहलोव का जायज़ा लेते हुए मुल़्क की तारीख़ में इस फ़ैसला को कई एतबारात से पहला फ़ैसला क़रार दिया। पहली मर्तबा फ़साद के मुक़द्दमा में साज़िश मुजरिमाना के इल्ज़ाम को ख़ारिज नहीं किया गया और इस की दफ़ा के तहत सज़ाव का ऐलान किया गया।

जनाब मुहम्मद अब्दुल रहीम क़ुरैशी ने कहा के जो बात कल हिंद मजलिस तामीर मिल्लत एक लंबे अर्सा से मज़लूमीन फ़साद से कहती रही नरोडा पाटिया केस के चशमदीद(आंख हो देखि) गवाहों ने इस पर अमल किया के मज़लूम पूरी सच्चाई और दियानतदारी( इमानदारी) के साथ अदालतों में गवाही दें, पुलिस के दबाव में या उस ख़्याल के तहत के रहना तो उन ही मुल्ज़िमीन के साथ है क्यों उन से अदावत मूल लें उन की निशानदेही करने से गुरेज़ करते हैं। लेकिन इस केस में गवाहों ने जिन में ज़्यादा तादाद ख़वातीन की है उन्हों ने बेबाकी (बहादुरी) के साथ गवाही दी और मुजरिमीन की निशानदेही की।