गुजरात फ़साद का भूत ! मोदी को अमरीका में फिर सुबकी

वाशिंगटन, 05 मार्च: ( पी टी आई ) चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी का अमेरीका में बावक़ार व्हार्टन इंडिया इकनॉमिक फ़ोर्म के इजलास में जारीया माह के अवाख़िर तए शूदा कलीदी ख़ुतबा कई गोशों के दबाओ की बिना पर मंसूख़ कर दिया गया। फ़ोर्म ने अपने बयान में कहा कि हम किसी भी सयासी नज़रिया की तौसीक़ नहीं करते और ना किसी मख़सूस नज़रिया की ताईद करते हैं ।

एक टीम के तौर पर हमारा मक़सद सिर्फ़ हिंदूस्तान की तरक़्क़ी के मौज़ू पर मुफीद मुज़ाकरात की तहरीक देना है। मोदी को फ़लेडलफ़या में मुक़र्ररा फ़ोर्म के इजलास में कलीदी ख़ुतबा देने के लिए मदऊ किया गया था।

वो 22 , 23 मार्च के इजलास में वीडीयो कान्फ्रेंस के ज़रीया ये ख़ुतबा देने वाले थे । मौजूदा मौक़िफ़ के मुताबिक़ इस प्रोग्राम को मंसूख़ कर दिया गया है। फ़ोर्म के सालाना इजलास में जिसके मुंतज़मीन तलबा हैं , पेंसिलवानीया यूनीवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल की मेज़बानी में ये कान्फ्रेंस हिंदूस्तान के मौज़ू पर रखी गई है ।

व्हार्टन के प्रोफ़ैसर्स और तलबा के एक ग्रुप ने सख़्त अल्फ़ाज़ पर मुश्तमिल मकतूब रवाना किया जिसमें कहा गया है कि उन्हें ये जान कर सख़्त तकलीफ़ हुई कि फ़ोर्म ने कलीदी मुक़र्रर के तौर पर मोदी को मदऊ किया है । मकतूब में कहा गया कि यही वो सियासतदां है जिसको अमेरीकी महिकमा‍ ए‍ ख़ारेजा ने 18 मार्च 2005 को वीज़ा देने से इस बिना पर इनकार कर दिया था कि बहैसीयत चीफ़ मिनिस्टर उन्होंने गुजरात में मुसलमानों को निशाना बनाकर सिलसिला वार साज़िशों पर मबनी फ़सादाद के इंसिदाद के लिए कुछ नहीं किया।

आम आदमी पार्टी के नेशनल कन्वीनर अरविंद केजरीवाल को मोदी की जगह मदऊ किया गया है वो वीडियो लिंक के ज़रीया 23 मार्च को फ़ोर्म इजलास को मुख़ातिब करेंगे , जबकि उसी रोज़ वो अपनी ग़ैर मुअय्यना मुद्दत की भूख हड़ताल शुरू करने वाले हैं। फ़ोर्म ने अपने बयान में कहा कि तलबा की तंज़ीम मोदी की साख , हुक्मरानी और क़ियादत के नज़रियात से बे इंतिहा-ए-मुतास्सिर है , उन्हें मदऊ करने की यही बुनियादी वजह थी ।

गुज़श्ता रात मोदी का कलीदी ख़ुतबा मंसूख़ करने के मुतालिबात में शिद्दत आ गई जबकि उनके ख़िलाफ़ पेंसिलवानीया यूनीवर्सिटी के हिंदूस्तानी नज़ाद प्रोफेसर्स की दरख़ास्त के बाद तक़रीबन 135 अफ़राद ने अपनी दस्तख़तों के साथ एक इजतिमाई दरख़ास्त पेश करते हुए मोदी का ख़ुतबा मंसूख़ करने का मुतालिबा किया।

साबिक़ तलबा की तंज़ीम और इसके हामीयों ने कहा कि मुम्किन है कि मोदी से समझौता करने का मौक़िफ़ उसकी वजह हो लेकिन हमें उन के ख़िताब से बहर क़ीमत गुरेज़ करना चाहीए खासतौर पर इसलिए कि हमारी कान्फ्रेंस का मक़सद और जज़बा इसके ख़िलाफ़ है।

चुनांचे मोदी को मदऊ करने का फ़ैसला मंसूख़ कर दिया जाना चाहीए । बह सूरत दीगर फ़ोर्म को इसके बही ख्वाहों के रद्द-ए-अमल का सामना करना पड़ेगा। मकतूब में कहा गया है कि गुजरात की तरक़्क़ी के बारे में बुलंद बाँग दावे किए जा रहे हैं लेकिन हक़ीक़त से मुग़ाइर बातें भी पेश की जा रही हैं।

दरख़ास्त गुज़ारों ने दलील पेश की कि मोदी को अमेरीका में दाख़िले के लिए अब भी वीज़ा देने से इनकार किया जा रहा है। मोदी के संगीन रिकार्ड की पर्दा पोशीकी कोशिश की जा रही है । तरक़्क़ी के बारे में उनके दावे हक़ायक़ से ज़्यादा लफ़्फ़ाज़ी पर मुश्तमिल हैं।

हिंदूस्तान के दस्तूर में जिन सैक्यूलर इक़दार की तमानीयत दी गई है , मोदी छाप सियासत ने उसे ज़बरदस्त नुक़्सान पहुंचाया है जिसका अंदाज़ा नामुमकिन है। एक दिन क़ब्ल ही बी जे पी के क़ौमी इजलास में नरेंद्र मोदी को आइन्दा लोक सभा इंतेख़ाबात के लिए वज़ारत अज़मी का उम्मीदवार बनाने के पस-ए-मंज़र में उनकी तारीफ़ के पुल बांधे गए थे ।

इसके अगले ही दिन व्हार्टन इंडिया इकनॉमिक फ़ोर्म के इजलास से उनके कलीदी ख़ुतबा की तंसीख़ उनकी पार्टी बी जे पी के लिए एक ज़बरदस्त झटका है ।चुनांचे कांग्रेस ने इस तब्दीली पर फ़ौरी रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए कहा है कि मोदी इतने कद्दावर क़ाइद नहीं कि उन्हें अपोज़ीशन पार्टी आइन्दा पारलीमानी इंतेख़ाबात में वज़ारत अज़मी का उम्मीदवार बनाएं लेकिन बी जे पी की जानिब से उनका इंतेख़ाब ज़ाहिर करता है कि बी जे पी में क़ियादत का फ़ुक़दान है।