सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने गुजरात में साल 2002 से 2006 के बीच हुए 16 में से 13 पुलिस मुठभेड़ और हिरासत में मौत के मामले में जुड़े पुलिस अफसरों को क्लीन चिट दिए जाने पर काफी सख्त राय जाहिर की है।
मालूम हो कि इन मामलों की जांच के लिए बने एसटीएफ के जांच अफसरों ने 16 में से 13 मामलों में जुड़े पुलिस अफसरों को इल्जाम से बरी कर दिया है।
भूषण इस मामले में मशहूर नगमा निगार जावेद अख्तर और सहाफी मरहूम बी.जी. वर्गिस का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
हालांकि इस क्लीन चिट की समीक्षा STF की कानूनी जांच समिति और अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस एच.एस. बेदी ने अभी तक नहीं की है, लेकिन भूषण ने आरोप लगाया कि जांच समिति ने असल में इस सिलसिले में कोई जांच की ही नहीं की है।
भूषण ने सवाल किया, ‘एसटीएफ के जांच अफसर गुजरात पुलिस के हैं। ऐसे में वे इन पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए लोगों के घरवालों के साथ इंसाफ नहीं कर सकते हैं।