बाली वुड के जंपिंग जैक कहलाये जाने वाले अदाकार जितेन्द्र आजकल फ़िल्मी पर्दे पर नज़र नहीं आते लेकिन एक ज़माना था कि बाली वुड में उनका तूती बोलता था। ये बात नहीं कि प्रोड्यूसर्स उन्हें अपनी फिल्मों में लेना नहीं चाहते बल्कि ख़ुद जितेन्द्र के इनकार की वजह से प्रोड्यूसर्स को आज भी मायूस होना पड़ता है।
आँजहानी संजीव कुमार के बाद बूढ़े आदमी के सब से ज़्यादा रोल्स जितेन्द्र ने ही किए हैं और आगे भी वो अपनी उम्र के मुताबिक़ अदाकारी करने में किसी से कम नहीं। अलबत्ता उनके बेटे तुषार कपूर को वो कामयाबी नहीं मिली जो जितेन्द्र के हिस्सा में आई, लेकिन बेटे की कमी बेटी एकता कपूर ने पूरी करदी।
बालाजी टैली फिल्म के ज़रिया आज उन्हें सोप ओपेराज़ की कुईन कहा जाता है और उन्होंने टी वी सीरियल्स के ज़रिया ज़बर्दस्त कामयाबी हासिल की। उन्होंने फिल्में भी बनाई हैं। जितेन्द्र से जब उनके गुज़रे हुए ज़माने और शूटिंगस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें गुनाहों का देवता फ़िल्म की आउट डोर शूटिंग के दौरान बहुत मज़ा आया था जब राजश्री और उन पर हम को तो बर्बाद किया है और किसे बर्बाद करोगे फ़िल्माया गया था।
मरहूम महमूद साहिब भी इस फ़िल्म का हिस्सा थे। जतिंद्र ने कहा कि उनके मद्दाहों का कहना है कि वो सब से ज़्यादा हैंडसम गुनाहों का देवता में नज़र आए थे। और इसके बाद फ़िल्म फ़र्ज़ में जितेन्द्र अपनी जवानी के आलम में थे।