अफ़्ग़ानिस्तान में 40 साला जंग के बाद इस मुल्क का एक इंतिहाई ख़तरनाक जंगी सरदार, जिसे अमरीका आलमी दहशतगर्द क़रार देता है और अक़वामे मुत्तहिदा उसे दहशतगर्दों की फ़ेहरिस्त में रखती है, गुमनामी के अंधेरों से निकलने की कोशिश में है।
गुलबदीन हिक्मतयार, जो अब अपनी उम्र की छठी दहाई में हैं, कहते हैं कि वो एक हक़ीक़ी और मुंसिफ़ाना अमन की ख़ाहिश रखते हैं, मगर उनका कहना है कि ऐसा लगता नहीं कि काबुल हुकूमत ऐसी किसी डील तक पहुंचने की पोज़ीशन में है।
गुलबदीन हिक्मतयार का कहना है कि अफ़्ग़ानिस्तान से तमाम ग़ैर मुल्की फ़ौज का इन्ख़िला होना चाहिए और मुल्क में अगले बरस नए इंतिख़ाबात का इनेक़ाद होना चाहिए।