अहमदाबाद: अहमदाबाद कोर्ट ने गुलबर्ग नरसंहार मामले में 24 दोषियों के लिए सजा के निर्णय को शुक्रवार तक टाल दिया है ।
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने कहा कि आठ गवाह दोषियों को पहचानने में नाकाम रहे हैं इस आधार पर, कम से कम सजा दी जानी चाहिए| बचाव पक्ष के वकील अभय भारद्वाज ने कहा कि आरोपियों का पिछला कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है इसलिए उन्हें सुधार करने के लिए एक मौका दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि “अभियोजन पक्ष ने जो आरोप लगाये हैं कि आरोपियों का जेल से बाहर रहना समाज के लिए खतरा हो सकता है इस आरोप को साबित किये जाने जरूरत है” |
अभियोजन पक्ष द्वारा दोषियों के लिए फांसी की सजा या आजीवन कारवास की सजा की मांग किये जाने पर जबकि बचाव पक्ष ने कहा कि ये उकसावे के बाद हुई एक स्वभाविक घटना थी |
इस मामले में 66 आरोपियों में से छह की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी। दोषी करार दिए गये 24 आरोपियों में से 11 पर हत्या का आरोप तय हुआ है जबकि 13 अन्य को कम अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है।24 दोषी आरोपियों में विहिप नेता अतुल वैद्य भी शामिल है।