गुस्ताखाना फ़िल्म पर पाबंदी केलिए हाइकोर्ट का हुक्म।

मिस्टर मुहम्मद हाजी की दरख़ास्त पर मुहम्मद अब्दुह लकवे अब्बासी ऐडवोकेट की कामयाब पैरवी।
हैदराबाद । 12 अक्टूबर आंध्रा प्रदेश हाइकोर्ट ने गुस्ताखाना फ़िल्म पर पाबंदी का हुक्म दिया है। फ़िल्म की नुमाइश को गै़रक़ानूनी, ग़ैरमुन्सिफ़ाना, ग़ैर दस्तूरी और क़ानूनी उसूलों की यकसर ख़िलाफ़वरज़ी क़रार देते हुए कारगुज़ार चीफ़ जस्टिस पी चंद्रा घोष और जस्टिस विलास वे अफ़ज़ल पर कर ने मिस्टर मुहम्मद हाजी की दाख़िल करदा दरख़ास्त पर रोलिंग देते हुए कहा कि गुस्ताखाना फ़िल्म को रोक देने से फ़रीक़ अव्वल, दोम और सोम की कोताही क़ानून की ख़िलाफ़वरज़ी है।

दस्तूर के आर्टीकल 25 मैं मुरव्वज उसूलों के मुताबिक़ इस फ़िल्म की नुमाइश फ़ौरी रोक दी जाय। दरख़ास्त गुज़ार मुहम्मद हाजी ने हकूमत-ए-हिन्द के इदारा महिकमा नशरियात वज़ारत इत्तिलाआत टैक्नोलोजी, हुकूमत आंध्रा प्रदेश गूगल कैलीफोर्निया , अमरीका और हैदराबाद में गूगल इंडिया प्राईवेट लिमेटेड के ख़िलाफ़ अदालत से रुजू होकर इस फ़िल्म की नुमाइश को फ़ौरी रोक देने की इस्तिदा की थी।

अदालत ने दस्तूर हिंद के आर्टीकल 226 के तहत दाख़िल करदा दरख़ास्त की समाअत करते हुए हुक्म जारी किया कि मज़कूरा बाला तमाम फ़रीक़ैन को गुस्ताखाना फ़िल्म की नुमाइश फ़ौरी रोक देनी होगी। दरख़ास्त गुज़ार की जानिब से पैरवी करते हुए जनाब मुहम्मद अब्दुह लकवे अब्बासी ऐडवोकेट ने अदालत को बताया कि गुस्ताखाना फ़िल्म की नुमाइश से मुस्लमानों की दिल आज़ारी होरही है।

मज़हबी जज़बात को ठेस पहूँचाने वाले वाक़ियात इस मलिक के क़ानून के मुग़ाइर हैं। लिहाज़ा फ़िल्म की नुमाइश को फ़िलफ़ौर रोक देना चाहीये। फ़रीक़ अव्वल और दोम की जानिब से अस्सिटैंट सोलीसिटर जनरल पूनम अशोक गौड़ ने पैरवी की जबकि फ़रीक़ सोम के हक़ में गर्वनमैंट पलीडर बराए दाख़िला ने पैरवी की।

अदालत ने इस दरख़ास्त की समाप्ता के बाद हुक्म जारी करते हुए कहा कि अस्सिटैंट सॉलीसिटर जनरल ने इन्फ़ार्मेशन टैक्नोलोजी की जानिब से जारी करदा मकतूब में कहा है कि अवामुन्नास की जानिब से मालूमात की रसाई को रोकने केलिए तरीका कार और सलामती के क़वाइद 2009 के तहत मज़कूरा फ़िल्म पर पाबंदी आइद करदी गई है।
इस ख़सूस में मुंबई हाइकोर्ट और इलहाबाद हाईकोर्ट ने भी मर्कज़ी हुकूमत को फ़िल्म की नुमाइश रोक देने की हिदायत दी है और हुकूमत ने फ़िल्म की नुमाइश रोक देने का क़दम पहले ही उठाया है। ताहम फ़रीक़ैन की जानिब से हाज़िर अदालत होने वाले वुकला से जो कुछ मालूम हुआ है इस के मुताबिक़ हम मर्कज़ी हुकूमत को हिदायत देते हैं कि वो ज़रूरी कार्रवाई करे।