गुज़रते वक़्त के साथ कायनात के मद्धम होने का अंदेशा

नामवर माहिर फ़लकियात नोबल ईनाम-ए-याफ़्ता ब्राइन पी श्मिट ने एक तारीक मुस्तक़बिल की पेश क़ियासी की है। इस का कहना है कि कायनात आख़िरकार मद्धम होजाएगी।

100 अरब साल बाद इंसानों को कायनात ख़ाली नज़र आएगी क्योंकि तमाम कहकशाएं सिवाए दूधिया रास्ता कहकशां के जिस में इंसान बस्ते हैं, मद्धम पड़ जाएं गी। श्मिट ने बैन-उल-अक़वामी(अंतर्राष्ट्रीय) फ़लकयाती यूनीयन की 26 वीं जनरल असैंबली में अपना मक़ाला पेश करते हुए ये इन्किशाफ़(खुलासा) किया।

श्मिट ने 2011में शोबा तबीअयात में सारल पीरल मटर और एडम रस के साथ मुशतर्का नोबल इनाम हासिल किया था। ये इनाम उन्हें कायनात की तौसीअ के अमल में तेज़ रफ़्तारी आने के सबूत फ़राहम करने पर दिया गया था। क़ब्लअज़ीं आम ख़्याल था कि कायनात की तौसीअ की रफ़्तार इन्हितात पज़ीर है।

वो जुनूबी आसमानी(साउथ आसमानी ) सर्वे के लिए एक नई दूरबीन फ़लकयाती नक़शानवीस की तैय्यारी के प्राजैक्ट के सरबराह भी हैं।