गुज़िश्ता साल सनअती तनाज़आत में 200 करोड़ का नुक़्सान

नई दिल्ली

साल 2014 के दौरान सनअती तनाज़आत में हड़तालों और लॉक आउटस के बाइस मुल्क को 200 करोड़ मालियती पैदावारी नुक़्सानात उठाना पड़ा। ताहम गुज़िश्ता चंद साल के दौरान हड़तालों और लॉक आउंटस में इज़ाफे का रुजहान नहीं देखा गया। वज़ीर लेबर बंडारू दत्तात्रेय ने आज लोक सभा में वक़फ़ा सिफ़र के दौरान ये इत्तेला दी और बताया कि साल 2013 के दौरान 200 से ज़ाइद सनअती तनाज़आत में 10,59,749 वर्कर्स के हिस्सा लेने पर 431 करोड़ मालियती पैदावार का नुक़्सान हुआ जबकि साल 2012 के दौरान 318 सनअती तनाज़आत में 13,07,454 वर्कर्स की शमूलीयत से 469 करोड़ की पैदावर का नुक़्सान उठाना पड़ा।

उन्होंने बताया कि क़ानून सनअती तनाज़आत 1947 में ये गुंजाइश है कि सस्ते और एसान तरीका पर सनअती तनाज़आत की पेचीदगियों की यकसूई की जाये और क़ानून क़ानूनी मोशिगाफ़ियों के बगैर तनाज़आत की यकसूई केलिए मर्कज़ी हुकूमत ने इंडस्ट्रियल ट्रब्यूनल और लेबर कोर्टस क़ायम किए हैं।

बंडारू दत्तात्रेय ने मज़ीद बताया कि लेबर मिनिस्ट्री ने एक मिश्रम सवेधा पोर्टल क़ायम किया है ताकि आन लाएँ सनअती यूनीयन के रजिस्ट्रेशन , इंस्पेक्शन की इत्तेला , सालाना टैक्स रिटर्नस का इदख़ाल और शिकायात की यकसूई की जा सके, जिस के बाइस महिकमा लेबर के ओहदेदारों की जानिब से सनअतों के मुआइना के तरीक़ेकार में शफ़्फ़ाफ़ियत पैदा हुई और शिकायतों के अज़ाला के निज़ाम में बेहतरी आएगी।