गैंगरेप के बाद नाबालिग का क़त्ल करने वाले दरिंदों को सजा-ए-मौत

श्रीनगर: खुदा के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं। आखिरकार अदालत ने आठ साल पुराने गैंगरेप और क़त्ल के मामले में फैसला सुना दिया। फैसले के बाद मक्तूला के घर वालों ने कहा कि आज हमें इंसाफ मिल गया है। कुपवाडा में एक सेशन कोर्ट ने जुमेरात के रोज़ चार लोगों को मौत की सजा सुनाई। इन दरिंदों पर 13 साल की लडकी से रेप और फिर क़त्ल का इल्ज़ाम लगा था।

इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला करार देते हुए कुपवाडा के ज़िला के प्रधान और सेशन जज मोहम्मद इब्राहिम वानी ने चारों दरिंदों सादिक मीर, अजहर अहमद मीर,मोची जहांगीर अंसारी और सुरेश कुमार को मौत की सजा सुनाई। इन चारों ने 27 जून 2007 को लड़की के साथ गैंगरेप के बाद उसका गला रेतकर क़त्ल कर दिया था और फिर उसे दफन कर दिया था। जज के फैसला सुनाते वक्त मुतास्सिरा के घर वाले रो पडे।

सजा पर दोनों फरीकों के वकीलों की दलील सुनने के बाद अदालत सीनीयर वकील गुलाम मुहम्मद शाह के चारों को मौत की सजा देने की दलील से रज़ामंद हुई और इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला करार दिया। शाह ने बताया कि 7 साल तक चली सुनवाई में 88 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।

उन्होंने हुकूमत का भी शुक्रिया अदा किया जिसने लडकी की याद में एक बहादुरी का इनाम शुरू किया। रियासत की हुकूमत ने साल 2012 में लडकी के नाम से बच्चों के लिए एक बहादुरी इनाम शुरू किया था।