ठाणे। मुंबई के ठाणे में एक अदालत ने बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे चार बांग्लादेशी महिलाओं को दो साल की जेल की सजा सुनाई है।
ठाणे एड-हॉक डिस्ट्रिक्ट जज और असिस्टेंट सेशंस जज आर एस पाटिल ने शुकी हारुन मुल्ला, जन्ना नूरी इस्लाम शेख समेत चार महिलाओं को गुरुवार को ये सजा सुनाई। उन पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
अभियोजन पक्ष ने बताया कि इंस्पेक्टर संजय भांगर के नेतृत्व में ठाणे डिस्ट्रिक्ट रुरल पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने इस साल जनवरी और फरवरी में काशीमिरा टाउनशिप में छापेमारी की थी और चार बांग्लादेशी महिलाओं को हिरासत में लिया था।
अभियोजक विनीत कुलकर्णी, उज्वला मोहोलकर और वंदना जाधव ने अदालत से कहा कि काशीमिरा टाउनशिप में चार महिलाएं रहती थीं और दिहाड़ी का काम करती थीं।
पकड़े जाने के बाद पुलिस ने उन्हें अपना वैध दस्तावेज दिखाने को कहा। मगर वह नहीं दिखा पाईं। पुलिस जांच में पता चला कि भारत में रहने के लिए महिलाओं के पास पासपोर्ट, वीजा या कोई वैध दस्तावेज नहीं है।
अपने फैसले में जज ने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी के कारण महिलाएं अवैध रूप से भारत आईं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि आरोपी गरीब हैं और वे यहां किसी अवैध गतिविधि में संलिप्त नहीं थीं।