गैर मुस्लिम भाईयों में इसलाम कि दावत, बहुत जरुरी

* तरबियती इजतिमा से मुहम्मद आमिर , ग़ुलाम नबी शाह का बयान‌
हैदराबाद । क़ुरान-ए-पाक में ही नहीं हिन्दुओं के मुक़द्दस धारक ग्रंथों , वेदों , पुराणों , भगवत गीता में , विलियम मयूर को किताब ( लंदन ) में ये मुकम्मल तौर पर वाज़िह कर दिया कि आख़िरी कामिल नबी ( का लक्की अवतार ) जिस का हिन्दू बिरादरी को इंतिज़ार है वो हुज़ूर अक़्दस ई है ।

सूरा आराफ़ और सफ़ की आयतों के हवालों के इलावा श्वेत अपने शुद , महाऋषि वेद वे एस की भगवत गीता में , बाइबल के सालमन चैपटर में इस की तसदीक़ कई मर्तबा मौजूद है । इन ख़्यालात का इज़हार मौलाना ग़ुलाम नबी शाह नक़्शबंदी दावत-ए-इसलाम के तरबियती इजतिमा को मुख़ातब करते हुए डाक्टर सिराज विला नजदीक‌ जामि मस्जिद अज़्ज़े ज़िया हुमायूँ नगर में किया ।

इस्लाम कि दावत देने वाले मौलाना ग़ुलाम नबी शाह ने उम्मत मुस्लिमा पर ज़ोर दे कर कहा इस्लाम अमन , सलामती भाई चारा , एक और नेक बनाने के लिये आया है । इस के पैग़ाम को आम करना वक़्त की अहम‌ ज़रूरत है । जनाब मुहम्मद आमिर ( साबिक़ा बलबीर सिंह ) ने कहा कि सारी इंसानियत हक़ को क़बूल करेगी अगर उम्मत मुस्लिमा इस के ख़ैर के अमन के पैग़ाम को पहुंचाएगी , डाक्टर मुहम्मद सिराज उर्रेहमान‌ ने डाक्टर वेद प्रकाश उपाध्याय के तहक़ीक़ी मक़ाले को दावत-ए-इसलाम का बहतरीन ज़रीया क़रार देते हुए कहा हिंद में पाएदार अमन और रज़ाए अलहि हासिल करना हो तो उम्मत मुस्लिमा जो सारी इंसानियत की ख़ैर के लिये भेजी गई है । ख़ैर उम्मत का किरदार उस को अदा करना है ।

अल्लाह‌ ने दीन कि दावत‌ की मेहनत करने वालों की ज़िम्मेदारी ख़ुद लि है । इस मेहनत में मिल कर काम करना हर उम्मती की ज़िम्मेदारी है । डाक्टर सिराज उर्रेहमान‌ ने कहा कि सारी इंसानियत प्यासी है इस मेहनत को किताब का लक्की अवतार मुहम्मद‌ के ज़रीये हिन्दू भाईयों में इस्लाम की हक़्क़ानियत और इस्लाम के ख़िलाफ़ गलतफहमियां , घमंड‌ और हटधरमी को दूर किया जा सकता है । आख़िर में तरबियती मौके के सवालात और तरीका का मुहब्बत , फ़िरासत , हिक्मत के तरीका कार पर रोशनी डाली गई । किताब का लक्की अवतार उर्दू , तेलगो , हिन्दी , अंग्रेज़ी में तक़सीम की गई ।।