सुप्रीम कोर्ट ने आज मर्कज़ी हुकूमत , रिलाइंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड और दीगर को एक दरख़ास्त मफ़ाद-ए-आम्मा की बुनियाद पर नोटिसें जारी करदी। दरख़ास्त में तेल और गैस की के जी बलॉक में तलाश का कॉन्ट्रैक्ट मंसूख़ करने की ख़ाहिश की गई है और गुज़ारिश की गई है कि अपने तय क़नात की तकमील से क़ासिर रहने पर तमाम मुद्दई अलेहान पर जुर्माने आइद किए जाना चाहीए।
चीफ जस्टिस पी सथासिवम की ज़ेरे क़ियादत एक बेंच ने सियोल सोसाइटी के अरकान बिशमोल साबिक़ मोतमिद काबीना टी एस आर सुब्रामणियम और साबिक़ सरबराह बहरीया अल राम दास की दरख़ास्त पर नोटिसें जारी कीं। बेंच ने क़बल अज़ीं एक दरख़ास्त मफ़ाद-ए-आम्मा पर मर्कज़ को भी नोटिस जारी की थी।
ये दरख़ास्त सी पी आई के रुकन पार्लियामेंट गुरूदास दास गुप्ता ने पेश की थी और मुद्दई अलेहान से अंदरून चार हफ़्ते जवाबदेही की नोटिस में ख़ाहिश की गई थी। दरख़ास्त गुज़ारों में साबिक़ सेक्रेटरी रामा और एन जी ओ कॉमन काज़ भी शामिल हैं। उन्होंने मर्कज़ के फैसले को चैलेंज किया है कि क़ुदरती गैस की कीमत में इज़ाफ़ा किया जाये।
दरख़ास्त गुज़ारों ने अदालत से ख़ाहिश की कि एस आई टी यह सी बी आई की तरफ से अदालत की ज़ेरे निगरानी तहकीकात करवाई जाएं कियोंकी मुबय्यना तौर पर रिलाइंस इंडस्ट्रीज़ और सियासी तनज़ीमों में आला सतही गठजोड़ होचुका है जिस में करप्शन भी मुलव्विस है। जिस का मौजूदा मौक़िफ़ से इज़हार होरहा है । दरख़ास्त गुज़ारों ने रिलाइंस इंडस्ट्रीज़ के ख़िलाफ़ उसकी नाक़िस कारकर्दगी के पहलोओ के पेशे नज़र कार्रवाई करने की भी दरख़ास्त की ।