बर्तानवी हुकूमत ने गुज़श्ता कई माह से बर्तानिया में मुबय्यना तौर पर गै़र क़ानूनी तौर पर मुक़ीम पाकिस्तानीयों की गिरफ़्तारीयों का सिलसिला शुरू कर रखा है और ऐसे अफ़राद को भी पकड़ कर ख़ामोशी के साथ ख़ारिज किया जा रहा है जिन की बर्तानिया में पनाह या हियूमन राईट्स के केसों पर अभी तक कोई फ़ैसला ना हुआ।
मालूम हुआ है कि 2010 के बाद पाकिस्तान और बर्तानिया के हुक्काम के दरमयान होने वाली मुलाक़ातों और इस दौरान मुफ़ाहमत की याददाश्त पर दस्तख़त होने के बाद इन पाकिस्तानीयों को भी फ़ौरी तौर पर पकड़ कर पाकिस्तान भेज दिया जाता है जिन के बर्तानिया में पनाह और इंसानी हुक़ूक़ के केसों पर फ़ैसले नहीं हुए।
इन अफ़राद को पुलिस स्टेशनों में हफ़्ते में एक बार या फिर रोज़ रोज़ की बुनियादों पर बुलाया जाता है ।
और उन में से बाअज़ को वीक ऐंड शुरू होने पर पकड़ कर दूसरों के हमराह चार्टर्ड तय्यारों के ज़रीया पाकिस्तान भेज दिया जाता है।