रियाज़, 08 अप्रेल: ख़ादिम हरमैन शरीफ़ैन शाह अबदुल्लाह ने सऊदी अरब में लाखों गै़रक़ानूनी वर्कर्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई तीन माह के लिए रोक देने का हुक्म जारी किया है। इन अहकामात से गै़रक़ानूनी तारकीन-ए-वतन के इख़राज का अमल मोख़र हो जाएगा और उन बैरूनी वर्कर्स को सऊदी अरब में क़ियाम के लिए अपने वीज़ा काग़ज़ात दरुस्त कर लेने का मौक़ा मिल जाएगा।
सऊदी में ज़ाइद अज़ 9 मिलियन तारकीने वतन मुस्लिम हैं जो अपने मुल्कों में ज़र-ए-मुबादला का अहम ज़रिया हैं। इन तारकीने वतन में यमन, हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और फिलीपाइन के शहरी शामिल हैं। शाह अबदुल्लाह ने विज़ारते दाख़िला और वज़ारत लेबर दोनों को हिदायत दी है कि वो वर्कर्स को मौक़ा फ़राहम करें ताकि वो सऊदी अरब में अपने क़ियाम और मुलाज़िमत को बाक़ायदा बनाने की कोशिश कर सकें और अपना मौक़िफ़ दरुस्त कर सकें।
सरकारी मीडिया के बयान में बताया गया कि गुज़िश्ता चंद महीनों के दौरान ज़ाइद अज़ 2 लाख बैरूनी वर्कर्स का इख़राज अमल में लाया गया। मुल्क भर में ख़ानगी शोबे में काम करने वाले लाखों बैरूनी वर्कर्स के मुस्तक़बिल पर सवालिया निशान खड़ा होगया है। मुमलिकती वज़ीरे ख़ारिजा ई अहमद ने हिन्दुस्तानी वर्कर्स के मसाइल को हल करने सिफ़ारत ख़ाना को हिदायत दी है।
तीन माह की मोहलत से हिन्दुस्तानी वर्कर्स को भी अपना इकामा दरुस्त करवाने का मौक़ा मिल जाएगा। वज़ारत लेबर की जानिब से लेबर क़वानीन की ख़िलाफ़वरज़ी करने वाले सनअत कारों की जांच की जाएगी। काम के मुक़ामात पर धाव की इत्तेलाआत के पेशे नज़र कई बैरूनी वर्कर्स अपने काम पर नहीं गए जिस से सनअतों में काम मुतास्सिर हुआ।