गोधरा, 15 दिसंबर: (पीटीआई) तरक़्क़ी याफ़ता-ओ-ख़ुशहाल रियासत गुजरात का निसबतन पसमांदा इलाक़ा गोधरा जहां तक़रीबन 10 साल क़बल भड़क उठने वाली एक चिंगारी ने सारे गुजरात को पुरतशद्दुद फ़िर्कावाराना जुनूनीयत की लपेट में ले लिया था, आज भी मज़हबी ख़ुतूत पर बुरी तरह मुनक़सिम है।
हलक़ा असेंबली गोधरा में दूसरे मरहला के तहत 17 सिसंबर को रायदही ( मतदान) होगी, जहां 2.13 लाख राय दहिंदगान ( मतदाताओं) में मुसलमानों की काबिल लिहाज़ अक्सरीयत है, जो (मुसलमान) इस बात से क़ता नज़र कि उन्हें लुभाने के लिए मोदी ने काफ़ी तशहीर के साथ सदभावान मिशन और दूसरे प्रोग्राम मुनाक़िद किए थे।
आज भी 2002 के फ़िर्कावाराना फ़सादाद को फ़रामोश करने या माफ़ करने के लिए तैयार नहीं हैं। हलक़ा गोधरा के वोटरों में ज़बरदस्त ख़लीज पाया जाता है। ये मुनक़सिम मतदाता ( वोटर्स) इस हलक़ा में 8 उम्मीदवारों के मुक़द्दर का फ़ैसला करेंगे जिसमें कांग्रेस के मौजूदा रुकन असेंबली सी के राजी जो 1990 से इस हलक़ा से 3 मर्तबा कामयाब हो चुके हैं।
इस बार भी मैदान में हैं। 1990 में उन्होंने जनतादल के टिकट पर 1995 में बी जे पी के टिकट पर और 2007 में कांग्रेस के टिकट पर कामयाबी हासिल की थी। सहि रुख़ी मुक़ाबला में पंचमहल के रुकन पार्लीमेंट प्रभात सिन्हा चौहान के फ़र्ज़ंद प्रवीण सिन्हा चौहान से मुक़ाबला है।
अगरचे उनके मुक़ाबले प्रवीण सिन्हा सयासी नौवारिद हैं और पहली मर्तबा इंतिख़ाबी मुक़ाबला कर रहे हैं। गर्वित सिन्हा सोलंकी गुजरात परिवर्तन पार्टी जी पी पी के उम्मीदवार हैं जो दरअसल बी जे पी के नाराज़ क़ाइदीन का ग्रुप है। एक आज़ाद उम्मीदवार रमेश भाई भी मुक़ाबला कर रहे हैं जो एक रीयल इस्टेट बिज़नसमैन होने की हैसियत से अपनी दौलत और सयासी असरोरसूख़ की बुनियाद पर मैदान में हैं।