गोधरा फ़सादाद पर अहकाम से सुप्रीम कोर्ट की दसतबरदारी

सुप्रीम कोर्ट ने आज 19 मार्च के अपने हुक्मनामा से दसतबरदारी इख्तेयार कर ली, जिसमें नानावती कमीशन से रद्द-ए-अमल तलब किया गया था और एक दरख़ास्त की बुनियाद पर हुकूमत गुजरात को हिदायत दी गई थी कि चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी को तफ़तीश के लिए 2002 के फ़सादाद के ताल्लुक़ से तलब किया जाए।

जस्टिस डी के जैन और ए के डोई पर मुश्तमिल एक बंच ने सीनीयर मुशीर क़ानूनी कालीन बंगाल वेस्ट को इत्तिला दी है कि बंच के ख़्याल में ये मुआमला दीगर दो दरख़ास्तों से मरबूत है, जो गोधरा फ़सादाद के बारे में पेश की गई हैं क्योंकि उसे बाअज़ मख़सूस ब्यानात से जो इसके इजलास पर दिए गए थे गुमराह किया गया था।

19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कमीशन और रियास्ती हुकूमत को नोटिसें जारी करते हुए उन से अपने जवाबात अंदरून 4 हफ़्ता दाख़िल करने की हिदायत दी थी। एक एन जी ओ ने दरख़ास्त दी थी कि मोदी को फ़सादाद में चीफ़ मिनिस्टर गुजरात के रोल के बारे में तहक़ीक़ात के लिए तलब किया जाए।