गोपालगंज में नॉन बैंकिंग कंपनी 10 करोड़ लेकर फरार

शहर में काम कर रहे एक और नॉन बैंकिंग कंपनी इनफिनीटी रियल कॉन लिमिटेड (आइआरएल) तरीबन 10 करोड़ रुपये लेकर रातोंरात फरार हो गयी। थावे रोड वाकेय उसके दफ्तर में ताला लटका है। जिले से तीन महीने के अंदर फरार होनेवाली यह तीसरी नॉन कंपनी है।

कंपनी के जाल में फंसे गाहक उचकागांव थाने के बरारी जगदीश गांव के लक्ष्मी साह ने बताया कि मुझे ज़्यादा ब्याज देने का झांसा देकर पहले रकम जमा करायी गयी। इसके बाद मुझे एजेंट बना दिया गया और 1.33 करोड़ रुपये जमा करा लिये गये।

2010 में आयी थी कंपनी

यह कंपनी ने 2010 में थावे रोड वाकेय ट्रस्ट मार्केट में अपना दफ्तर खोला था। इसने तीन माह की स्कीम के साथ आरडी पर 12 फीसद ब्याज के साथ पैसा वापस करने और इंसुरेंस की स्कीम में लुभानेवाले वादे किये। कंपनी ने अपना रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 7010900 बी 2009 पीएलसी /134683 बता रही थी। लक्ष्मी साह ने बताया कि मेरे साथ 96 एजेंट हैं, जिन्हें धोखा हुआ है। लक्ष्मी साह ने दावा किया है कि कंपनी तकरीबन 10 करोड़ से ज़्यादा की रकम लेकर दुर्गापूजा की छुट्टी में फरार हो गयी।

कंपनी के डायरेक्टर कोलकाता में अंडरग्राउंड हो चुके हैं। जिले में काम करनेवाले एजेंट पाशोपेश में हैं। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर मगरीबी बंगाल के हुंगली जिले के प्रणव मुखर्जी के खिलाफ आरबीआइ और फायनेंस महकमा से शिकायत दर्ज करायी गयी है। आरबीआइ के अगले हिदायत का इंतजार किया जा रहा।

क्या कहते हैं डीएम

नॉन बैंकिंग कंपनी आइआरएल के फरार होने की जानकारी इंतेजामिया को नहीं थी। अगर ऐसा हुआ है, तो इसकी जांच कर एडमिनिस्ट्रेशन सतह पर कार्रवाई की जायेगी। आम लोगों को भी नॉन बैंकिंग कंपनियों में अपनी कमाई जमा करने से पहले पूरी तरह से जानकारी लेनी चाहिए थी।

अररिया में भी 12 करोड़ हड़पे

नॉन बैंकिंग कंपनी सिलिकोन प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड अररिया जिले के सिमराहा बाजार समेत आसपास के आधा दर्जन से ज़्यादा गांवों के सैकड़ों जमा करने वालों के तकरीबन 12 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गयी है। तकरीबन छह महीना पहले ठगी का शिकार होने के बाद जमा करने वाले मकान मालिक डॉ अफजल हुसैन से ही जमा रकम की वापसी की मांग करते आ रहे थे।

जुमेरात को सैकड़ों की तादाद में जमा करने वाले व चिटफंड कंपनी के एजेंट ने डॉ अफजल हुसैन के मकान में बंद पड़े सिलिकोन प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड के दफ्तर के सामने अपनी जमा रकम की वापसी की मांग को लेकर मुजाहिरा किया। मुजाहिरा करने वालों ने बताया कि हमने डॉ अफजल हुसैन के कहने पर ही रुपये जमा किये थे। नॉन बैंकिंग कंपनी के किसी आदमी को हम नहीं जानते हैं, इसलिए डॉ अफजल ही जमा रकम लौटाएं।

मौके पर पहुंची सिमराहा थाना पुलिस के अनि अखिलेश्वर कुमार ने मुजाहिरा कर रहे लोगों को समझा कर पुर अमन कराया। डॉ अफजल हुसैन का कहना है कि यह कंपनी कोलकाता की है। मैंने सिर्फ कंपनी को अपने मकान का कमरा दफ्तर के लिए किराये पर दिया था।