गोपाल गढ़ फ़सादाद के मुतास्सिरीन इंसाफ़ के मुंतज़िर

राजस्थान के गोपाल गढ़ में 14 सितंबर 2011 को फूट पड़ने वाले फ़िर्कावाराना फ़सादाद ( संप्रादायिक दंगे) जिस में 10 अफ़राद हलाक और 30 शदीद तौर पर उस वक़्त ज़ख्मी हो गए थे जब मस्जिद पर हमला करते हुए फायरिंग की गई थी।

फ़सादाद के मुतास्सिरीन हर गुज़रने वाले दिन के साथ अब इंसाफ़ के हुसूल (हल/ परिणाम) की तवक़्क़ो ( उम्मीद) से दूर होते जा रहे हैं क्योंकि सी बी आई ने इस मुआमला में ज़िला के आला सतही रियास्ती हुकूमत के ओहदेदारान को क्लीनचिट दी है जिस से यहां के मुसलमानों में नाउम्मीदी और मायूसी की लहर दौड़ गई है।

इस वाक़िया ( घटना) के बाद मुसलमानों के एतिमाद (विश्वास) को शदीद ठेस पहुंची है। मुस्लिम ग्रुप्स पर मुश्तमिल एक वफ़द ने कुछ रोज़ क़बल गोपालगढ़ का दौरा किया था और वहां उन्होंने देखा कि मुसलमानों में ख़ौफ़‍ ओ‍ हिरास और अदम एतिमादी का माहौल पाया जा रहा है।

ये इल्ज़ामात भी आइद किए ( लगाए) जा रहे हैं कि मुआमला की तहक़ीक़ात करने वाली सी बी आई ऐसे लोगों को डरा धमका रही है जो फ़िर्कावाराना फ़सादाद के चश्मदीद गवाह थे और अपनी गवाही के ज़रीया सही सूरत-ए-हाल को वाज़िह करना चाहते हैं क्योंकि जामा मस्जिद पर हमला में गुजरों के इलावा पुलिस अहलकार भी मुबय्यना तौर पर मुलव्वस थे। /

मुस्लिम वफ़द (प्रतिनिधी मंडल) ने राजस्थान मुस्लिम फ़ोर्म के बैनर तले ज़िला भरतपुर के मुस्तक़र का दौरा किया था। वाज़िह रहे कि फ़सादाद में हलाक हो जाने वालों के अरकान ख़ानदान ने इसरार किया था कि मुसलमानों के एक वफ़द का मुतास्सिरा ( प्रभावित) इलाक़ों का दौरा करते हुए हालात का जायज़ा लेना चाहीए।

मुतास्सिरीन ( पीड़ीतो) ने शिकायत की कि सी बी आई एस मुआमला की तहक़ीक़ात में मुतासबाना रवैय्या इख्तेयार किए हुए है जबकि कांग्रेस हुकूमत उन के मसाइल ( समस्यायों) और मुश्किलात से क़तई बे परवाह है। सयासी माहिरीन का भी यही ख़्याल है कि अगर सी बी आई जैसा इदारा भी तास्सुब पसंद ( धार्मिक पक्षपाती) हो जाए तो इस मुल्क में इंसाफ़ का जनाज़ा निकल जाएगा |