नई दिल्ली, 30 जून: ( पी टी आई ) बी जे पी लीडर गोपी नाथ मुंडे को आज इलेक्शन कमीशन ने एक नोटिस वजह नुमाई जारी की और उन से सवाल किया कि उनके इंतेख़ाबी अख़राजात को छिपाने और कम ज़ाहिर करने पर उन्हें नाअहल क्यों ना क़रार दिया जाये जबकि उन्होंने सरे आम एतराफ़ किया कि इंतेख़ाबी मुहिम के दौरान उन्होंने 8 करोड़ रुपये ख़र्च किए थे ।
इलेक्शन कमीशन ने मुंडे से कहा है कि वो 20 दिन के अंदर वज़ाहत करें कि उनके ख़िलाफ़ इंतेख़ाबी क़वानीन के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहीए और उन्हें अवामी नुमाइंदगी क़ानून के तहत नाअहल क़रार क्यों नहीं दिया जाना चाहीए जबकि वो अपने इंतेख़ाबी अख़राजात का दुरुस्त अकाउंट रखने में नाकाम रहे हैं।
2009 के पारलीमानी इंतेख़ाबात में लोक सभा हलक़ा के लिए अख़राजात की हद 25 लाख रुपय थी । मुंडे बेड़ के एम पी हैं और वो लोक सभा में बी जे पी के डिप्टी लीडर हैं। उन्होंने 27 जून को एक तक़रीब में कहा कि उन्होंने अपनी 2009 की लोक सभा इंतेख़ाबात की मुहिम में आठ करोड़ रुपये की ख़तीर रक़म ख़र्च की है ।
इस मौक़े पर गुजरात चीफ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी और साबिक़ बी जे पी सरबराह नितिन गडकरी भी मौजूद थे । मुंडे ने इंतेख़ाबी अख़राजात में इज़ाफ़ा पर कहा था कि 1980 में जब उन्होंने पहली मर्तबा असेम्बली इंतेख़ाब लड़े थे तो सिर्फ़ 29,000 रुपये ख़र्च किए थे जबकि 2009 लोक सभा इंतेख़ाबात के लिए उन्होंने आठ करोड़ रुपय ख़र्च किए हैं।