गोरखपुर विश्वविद्यालय के टीचरों पर एससी/एसटी एक्ट में मामला दर्ज

दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर के दो अध्यापकों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून के तहत मामला दर्ज होने का संस्थान के अध्यापकों ने विरोध जताया है. अध्यापकों ने इस मामले को वापस लेने की मांग की है. अध्यापकों ने विश्वविद्यालय के कुलपति वीके सिंह को एक ज्ञापन दिया और उनसे मांग की कि वह प्रशासन से अध्यापकों के खिलाफ मामला वापस लें. ज्ञापन में कहा गया कि अगर उनकी मांगें न मानी गईं तो वे सब सामूहिक रूप से गिरफ्तारी देंगे.

छात्र ने की थी खुदकुशी की कोशिश

विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के शोध छात्र दीपक कुमार ने गुरुवार को आत्महत्या का प्रयास किया था. उसने इसका वीडियो भी बनाया था जो कि सोशल मीडिया में वायरल हो गया. दीपक ने एक पत्र भी लिखा था जिसमें कहा गया था कि जाति के आधार पर विश्वविद्यालय के अध्यापक उसका उत्पीड़न कर रहे है. इसमें उसने दर्शन विभाग के प्रमुख द्वारका नाथ और कला संकाय के डीन सीपी श्रीवास्तव पर आरोप लगाया था.

छात्र के आत्महत्या के प्रयास के बाद सोमवार को इन दोनों अध्यापकों के खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज किया था. मंगलवार को सुबह 11 बजे विश्वविद्यालय के तमाम शिक्षक, शिक्षक संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार के नेृतत्व में कुलपति वीके सिंह से मिले.

जांच समिति गठित करने की मांग

शिक्षक संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि बहुत दुख की बात है दो अध्यापकों के खिलाफ मामला बाहरी दबाव के बाद दर्ज हुआ. विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिये कि वह तुरंत कार्रवाई करें और एक जांच समिति का गठन करें.

उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलेंगे और उनसे मांग करेंगे कि जब तक इस मामले की जांच न हो जाए तब तक इन दोनों अध्यापकों के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई न करें.