इक़बाल रज़ा, कोलकाता। गोलन हाइट्स कानूनी रूप से सीरिया का हिस्सा हैं, 1967 युद्ध में इज़राइल इसे अपने नियंत्रण में ले लिया और 1981 में एकतरफा कार्रवाई करते हुए पूर्वी यरूशलम तथा इसपर स्थायी रूप से कब्जा कर लिया – जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर या संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता नहीं मिली है!
यह जल संसाधनों और उपजाऊ भूमि वाला क्षेत्र है जहाँ तेल(OIL) होने की भी संभावना है! प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न यह क्षेत्र इजरायल के लिए भौगोलिक तथा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
President Trump and Prime Minister Netanyahu deliver remarks at the White House. Donald Trump will recognize Golan Hights as an Israeli territory. https://t.co/m2cO6qf6AT
— Derek Zarrella (@DZarrella12) March 25, 2019
पिछले दिनों राष्ट्रपति ट्रम्प ने अंतर्राष्ट्रीय क़ानून व संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों उल्लंघन करते हुए गोलन हाइट्स पर इज़राइल के अनुलग्नक (ANNEXURE) को मान्यता देकर दूसरे देशों की भूमि अधिकृत करने की प्रवृति को बढ़ा दी है जिससे विशेष रूप से खाड़ी देशों में शांति-व्यवस्था भंग होने की संभावना बढ़ गयी है!
“Proclamation on Recognizing the Golan Heights as Part of the State of Israel” https://t.co/yAAyR2Hxe4 pic.twitter.com/VccUpjMJqZ
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) March 26, 2019
अमेरिका एकमात्र देश है जो इज़राइल के इस अवैध कब्ज़ा को मान्यता देता है। ट्रम्प का निर्णय पहले की सरकारों की अमेरिकी नीतियों के विपरीत है! संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इसे अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। यूरोपीय संघ भी अमेरिकी मान्यता को अस्वीकार कर दिया है, और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप गोलन को मान्यता जारी रखेंगे।
President Trump's Proclamation today recognizes Israel’s sovereignty over the Golan Heights, which is crucial to the stability of the entire Middle East. pic.twitter.com/DawWZtPCgf
— The White House (@WhiteHouse) March 25, 2019
ट्रम्प और नेतन्याहू का उनके देशों में होने वाले आगामी चुनाव में हित है!
ट्रम्प इजरायल में लोकप्रिय हैं, विशेष रूप से यरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने और अमेरिकी दूतावास स्थानांतरित करने के बाद।
ट्रम्प, अमेरिकी यहूदी मतदाताओं को अपने पक्ष में करना चाहते हैं, वहीँ नेतन्याहू, जो रिश्वत के लिए संभावित अभियोग का सामना कर रहे हैं और अप्रैल के चुनाव में पूर्व सैन्य प्रमुख बेनी गैंट्ज़ के खिलाफ चुनौती का सामना कर रहे हैं। नेतन्याहू गोलन हाइट्स मुद्दे का चुनाव में फायदा उठाना चाहते हैं जो उनके लिए चुनाव में GAME CHANGER हो सकता है!
लेखक: इक़बाल रज़ा ( अरब देशों के जानकार)