गोल्ड मेडल पाने के लिए शाकाहारी शर्त को पुणे विश्वविद्यालय ने वापस लिया

पुणे। सावित्री बाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के विवादास्पद सर्कुलर लाए जाने पर मचे बवाल के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने अपना फैसला वापस ले लिया है।

दरअसल विवि प्रबंधन ने शुक्रवार को नया नियम लागू किया था कि किसी भी छात्र को गोल्ड मेडल पाने के लिए पहली शर्त है कि वो पूर्ण रूप से शाकाहारी हो और कोई भी नशा न करे। जिसके बाद इस सर्कुलर पर राजनीति तेज हो गई।

शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इसका जबरदस्त विरोध किया। वहीं शिवसेना प्रमुख के बेटे अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने विश्वविद्यालय के कुलपति से बातचीत की। साथ ही युवा सेना का प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले को लेकर वीसी से मुलाकात की।

महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने इस मामले में दखल देते हुए प्रदेश के सभी विवि और शैक्षणिक संस्थानों को पत्र लिखकर डोनर के सामने किसी भी शर्त या दबाव में नहीं झुकने के निर्देश दिए हैं।

पत्र लिखकर तावड़े ने सभी यूनिवर्सिटीज को योग्यता के आधार पर छात्रों को चुनने के निर्देश दिए। जिसमें छात्रों के साथ किसी भी तरह की भेदभाव और मानवाधिकारों का हनन हो रहा हो।

यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार अरविंद शालीग्राम ने कहा कि हमने दस साल पुराने सर्कुलर पर आपत्ति दर्ज की जाने के बाद, उसे वापस लिया है। अब हम इस विशेष शर्त को खत्म करने के लिए शेलार परिवार को चिट्ठी लिखेंगे। बता दें कि उन्होंने पिछले दिन कहा था कि ये सर्कुलर 2006 से जारी होता है।

चूंकि ये मेडल शेलार परिवार की ओर से दिया जाता है, लिहाजा उनकी अपनी शर्तें होती हैं। उन्होंने आगे कहा कि शेलार परिवार को छोड़कर किसी डोनर ने इस तरह की शर्त नहीं रखी है।