गोवा में क्यों ज़रुरी है मुस्लिम बच्चियों के लिए ‘चिल्ड्रेन होम’?

गोवा: गोवा एक पर्यटन केंद्र है और यहां पश्चिमी सभ्यता का बोलबाला है। गोवा के स्लम एरिये से गरीब लड़कियों को लालच देकर गलत राह पर ले जाना एक आम बात सी बन गई है। इस संदर्भ में गोवा के मुसलमानों ने लड़कियों के लिये चिल्ड्रेन होम की नींव डाली है, जिसमें लड़कियां इस्लामी सभ्यता के साथ अध्ययन कर रही हैं.

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न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार गोवा के पश्चिमी सभ्यता और मोर्डन जीवन शैली के बारे में आप जानते ही होंगे। कुछ सालों से गोवा के स्लम एरिये में लड़कियों के गाइब होने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।

माता-पिता के बीच असहमति के बाद कमसिन बच्चियां घर छोड़ने पर मजबूर हो जाती हैं। ऐसी लड़कियों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए कुछ समूह उन्हें गलत राह पर ले जाते हैं.अगर उनमें कुछ लड़कियां बच जाती हैं, तो उन्हें ईसाई मिशनरी के अधीन चलने वाले बोर्डिंग स्कूलों में भर्ती करा दिया जाता है, जिसके बाद वह कुछ सालों में किसी दबाव के बिना अपना धर्म बदल लेती हैं।

इन्हीं परिस्थितियों के मद्देनजर जमाअते हिन्द गोवा के सहायक से चलने वाली संस्था मधुर सन्देश ने मुस्लिम लड़कियों के लिए गोवा के वास्को में आशियाना के नाम से चिल्ड्रेन्स होम की नींव डाली है। गोवा के वास्को में कमसिन बच्चियों के लिए आज एक बेहतरीन भवन मौजूद है, जिसमें बोर्डिंग स्कूल और आवास की व्यवस्था है।यहां बच्चियों को पाठ्यक्रम के अलावा धार्मिक शिक्षा और कारीगरी भी सिखाई जाती है ताकि वे लड़कियां भविष्य में अपने पैरों पर खड़ी हो सकें और देश का नाम रोशन कर सकें।

आमतौर से आशियाना में आने वाले कमसिन लड़कियां काफी डरी और सहमी हुई होती हैं, कमसिन में मुसीबतों को झेलने की वजह से शिक्षा प्राप्त करने में वे हीन भावना का शिकार रहती हैं। आशियाना में बोर्डिंग स्कूल भी है, यहां के शिक्षक इन बच्चों के साथ प्यार और सदभावना से पेश आते हैं।