गौरक्षकों ने ली 26 मवेशियों की जान

चंदौली: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के कटेसर गांव में जय गुरुदेव शाकाहार, सदाचार और मद्यनिषेध सत्संग के लिए देश भर से आए भक्तों ने गायों सहित 26 पशुओं की जान ले ली और 19 पशुओं की हालत गंभीर है. जय गुरुदेव मिशन का मुख्य नारा गौरक्षा है. गोवध को लिए वे फाँसी की सज़ा की माँग करते हैं. लेकिन उन्हीं के भक्तों की वजह निरीह गायों की जान चली गई.
भंडारे के लिए बने भोजन को आयोजकों ने इधर-उधर उधर फेंक दिया, इसे खाने से कटेसर और डोमरी गांव के 26 मवेशियों की मौत हो गई और 19 पशुओं की हालत गंभीर है. प्रशासनिक निर्देश पर मवेशियों के शव गड्ढा खोद कर दफना दिए गए.

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नेशनल दस्तक ने अमर उजाला के हवाले से रिपोर्ट दी है कि, जय गुरुदेव समिति की ओर से 15 अक्तूबर से कटेसर में दो दिनी सत्संग का आयोजन किया गया. इसमें तीन से चार लाख भक्त पहुंचे थे. राजघाट पर भगदड़ में 25 लोगों की मौत हो गई और कई लोग जख्मी हो गए. सत्संग स्थल पर भंडारे का भी आयोजन हुआ था. इसके चलते समय से पहले ही भक्तों की रवानगी शुरू हो गई. इससे भंडारे का बड़े पैमाने पर बना भोजन बचने लगा. इसे बाहर फेंक दिया गया.

डोमरी के पशुपालक मदनलाल शर्मा ने बताया कि भंडारे का फेंका गया भोजन खाने से मवेशी बीमार होने लगे और उनकी एक गाय की मौत हो गई. गांव के मुराहू यादव की एक भैंस मर गई, जबकि दूसरी बीमार है. दयाराम की एक गाय की मौत हुई, दो बीमार हैं. कटेसर के बृजमोहन की चार गाय और विष्णु नारायण यादव की दो गाय और दो भैंस मर गईं, जबकि पांच मवेशी बीमार है. चमचम यादव की तीन गाय मर गईं, दो भैंस बीमार हैं. रामचरण की भैंस मर गई, जबकि पांच पशु बीमार है. पशुपालकों ने बताया कि फेंका गया भोजन विषाक्त हो गया था. इसके खाने से पशुओं की मौत हुई है. सूचना मिलने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने गड्ढा खोदवा कर मवेशियों को दफनाना शुरू कर दिया है.
प्रश्न यह है कि इन निरीह जीवों की हत्या का दोषी कौन है किसे जिम्मेदार ठहराया जायेगा? जय गुरुदेव मिशन के लोग दोषियों के लिए फाँसी की सज़ा की मांग करेंगे?