अहमदाबाद में गौरक्षकों के हाथों मारे गये मुहम्मद अयूब अपने घर के एकलौते कमाने वाले थे जिनके सर पर उनकी विधवा माँ दो बच्चे और पत्नी के भरण पोषण की ज़िम्मेदारी थी। गुजरात के रामराज में मार दिये गये।
दलितों की पिटाई पर ऊना से अहमदाबाद तक यात्रा निकालने के लिए परमिशन और पूरे गुजरात में दलितों को विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने वाली गुजरात सरकार ने 11 साल जेल में रहने के बाद अक्षरधाम मंदिर में आतंकी घटना से निर्दोष छूटे मुफ्ती अब्दुल कयूम और उनके साथियों को विरोध प्रदर्शन करने के कारण गिरफ्तार कर लिया। अभी तक उनको छोड़ा नहीं गया है।
यह है “गुजरात माडल” विरोध प्रदर्शन करने नहीं दोगे और हिंसा की तो आतंकवादी कह दोगे । और कौन सा रास्ता है बता दो ।
मुफ्ती अब्दुल कयूम के साथ खड़े हों नहीं तो कयादत करने फिर कोई सामने नहीं आएगा।