महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज कहा कि गोहत्या पर्यावरण पर “बहुत प्रतिकूल प्रभाव” छोड़ता है पशु “मानव श्रृंखला” का एक महत्वपूर्ण तत्व है और इसके संरक्षण धर्म का के साथ कोई लेना देना नहीं है।
फडणवीस ने कहा कि “गोमूत्र और गोबर से ज़मीन की पैदावार बढती है ऐसे ही गाय खेती में एक अहम किरदार अदा करती है इसलिए इसका संरक्षण किया जाना चाहिए |
वह नंदुर बुद्रक गांव में ‘गौवंश चिकित्सालय’ का भूमि पूजन समारोह के अवसर पर बोल रहे थे।
फडणवीस ने कहा कि “गायों की हिफाज़त का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है … यह केवल एक धार्मिक अवधारणा है। लेकिन भारतीय परंपराओं का वैज्ञानिक आधार होता है और गायों का संरक्षण भी वैज्ञानिक आधार का एक हिस्सा है, “|
उन्होंने कहा कि गायों का वध “पर्यावरण पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव छोड़ता है”, और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए जानवर का संरक्षण बहुत महत्वपूर्ण है।जिस तरह से बाघ, फारेस्ट इको सिस्टम (वन पारिस्थितिकी तंत्र में) में एक अहम रोल अदा करता है इसी तरह गाय ह्यूमन चेन (मानव श्रृंखला) में एक अहम रोल अदा करती है |
किसान इसको जैविक खेती के लिए चुनते हैं, क्यूँकि रासायनिक उर्वरक पैदावार को बढ़ावा देते हैं लेकिन इनका इस्तेमाल मिट्टी की शक्ति को प्रभावित करता है।
जैविक खेती के लिए पूरे महराष्ट्र में ‘Goshalas’ (गाय आश्रयों) बनाई जाएँगी जो अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा|देश के 30 एकड़ के हिस्से पर ‘गौवंश चिकित्सालय’ बनाये जायेंगे जिसमें बीमार गायों के लिए नि: शुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
मौजूदा ‘Goshalas’ (गाय आश्रयों) में 200 गायों के रखने की क्षमता है इस परियोजना के तहत ‘Goshalas’ (गाय आश्रयों) में 1000 गायों को रखने का प्रबंध किया जायेगा |