देश के माहौल में ज़हर घोलने वाले लोग यूं भी आज कल ज़्यादा हो गए हैं और उस पर पुलिस का रवैया सिवाय ज़हर को और फैलाने के दूसरा नज़र नहीं आता. मामला है छोटीसादडी का, गाय से भरे ट्रक लेकर जा रहे लोगों को “गौ सेवकों” ने पकड़ लिया और फिर उनको जिस बुरी तरह मारा वो निहायत ही निंदनीय और खौफ़नाक है. मंगल के रोज़ गोमाना चौराहे पर गोवंश से भरे एक ट्रक को जाते देख एक हिन्दू संगठन के लोगों ने उनका पीछा किया जहां एक इंसान तो भागने में कामयाब रहा लेकिन बाक़ी तीन की किस्मत इतनी अच्छी ना थी और उग्रवाद से लबरेज़ अपने को गौसेवक बताने वाले लोग उन्हें जानवरों की तरह मारने लगे. जिस बुरी तरह उन्हें कपडे उतार कर मारा गया अपने आप में शर्मनाक है. इसके बाद जब पुलिस ने अपनी रिपोर्ट दर्ज की तो उसमें “गौसेवा” वाले संघठन के किसी बन्दे का नाम ना था बल्कि उन मासूमों को ही अपराधी बता कर प्राथमिकी दर्ज की गयी. इस वाकये के वक़्त पुलिस भी वहाँ ख़ूब तमाशा देख रही थी और बाद में पुलिस की कार्यवाही ने झूठ का झंडा बुलंद करने की कोशिश भी की.
ये वाक़या अपने आप में हमें दादरी की घटना की याद दिलाता है, ना जाने लोग कब सबक़ लेंगे और इन बेवकूफ़ी भरी चीज़ों से निकलेंगे, राजस्थान की सरकार जो पहले ही नेहरु और दूसरे महान लीडरों का नाम किताब से मिटाने में लगी है उसकी पुलिस से तो हम क्या ही बहतर उम्मीद करेंगे..
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