क़ाइद अपोज़ीशन तेलंगाना क़ानूनसाज़ कौंसिल मुहम्मद अली शब्बीर ने ग्राम ज्योति प्रोग्राम को पुरानी बोतल में नई शराब क़रार देते हुए हुकूमत से अपना गाँव अपनी मंसूबा बंदी के बारे में वज़ाहत तलब की। उ
न्होंने सी एल पी ऑफ़िस असेंबली में प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए कहा कि 13 जुलाई 2014 को चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना के चन्द्र शेखर राव ने अपना गाँव अपनी मंसूबा बंदी के नाम से प्रोग्राम शुरू करते हुए गाँव वालों को अपने गाँव की तरक़्क़ी के लिए मंसूबा बंदी का मश्वरा दिया था।
उन्होंने अचानक ग्राम ज्योति प्रोग्राम शुरू करने पर हुकूमत से इस्तिफ़सार किया कि इन दोनों प्रोग्राम्स में क्या फ़र्क़ है? उन्होंने 14,658 करोड़ रुपये के मसारिफ़ से शुरू कर्दा अपना गाँव अपनी मंसूबा बंदी प्रोग्राम को अचानक दरमयान में रोक देने की वजह दरयाफ़्त की है।
इस प्रोग्राम के तहत सी सी रोड पर 6578.26 करोड़ रुपये, ड्रेंज के कामों पर 2846.29 करोड़, हैड टैंक की तामीर पर 874.16 करोड़, आबपाशी प्रोजेक्स्ड पर 1476.31 करोड़, ब्रीजेस की तामीर पर 797.92 करोड़ और पाइपलाइन की तंसीब पर 638.52 करोड़ रुपये ख़र्च करने का ऐलान किया गया था, ताहम इन कामों पर 20 फ़ीसद फंड्स भी ख़र्च नहीं किए गए।