ग्रीस की नौसेना ने शरणाथियों को चिलचिलाती सर्दी से बचाने के लिए अपने जंगी जहाज़ों को भेजा है। गौरतलब है की सीरिया, इराक और अफगानिस्तान से आए इन शरणाथियों के पास घर नहीं हैं और वे बर्फ से ढके टेंटो मे रहने को मजबूर है।
‘जेसन क्लास लैंडिंग जहाज’, जो आमतौर पर तोपों से लैस होता है और सेना के टैंकों को ढोने के लिए प्रयोग किया जाता है, बुधवार की दोपहर को ग्रीस के एक द्वीप ‘लेसवोस’ पहुँच जाएगा।
जहाज़ ५०० लोगों की ज़रूरतों के हिसाब से गद्दे, बेड और स्टोव सहित पर्याप्त उपकरण ले जा रहा है।
तक़रीबन १००० शरणार्थी इस समय लेसवोस द्वीप के मोरिया कैंप में रह रहें हैं , जहाँ रात को तापमान अक्सर -५ डिग्री सेलसियस तक पहुँच जाता है।
जहाज़ भेजने का फैसला ग्रीस के रक्षा मंत्री पनौं कंमेनोस, प्रधानमंत्री एलेक्सिस त्सिप्रास और प्रवास मंत्री यीनासिस मौजलस के बीच हुई वार्ता के बाद लिया गया।
पिछले सप्ताह मौजलस ने यह घोषणा की थी की ” कोई भी अप्रवासी या शरणार्थी अब ठण्ड मे नहीं रह रहा है |”
परंतु सोमवार को प्रकाशित एक फुटेज से पता चला की मोरिया में यूइनचसीआर के टेंट बर्फ से ढके हुए थे।
फुटेज के बहार आने के बाद यीनासिस मौजलस ने मंगलवार को लेसवोस जाकर वहां की परिस्थितियों का मुआयना करना चाहा पर बुरे मौसम के कारण उनका जहाज़ ज़मीन पर उत्तर नहीं पाया।
यूरोपीय आयोग ने मंगलवार को इस द्वीप की स्थिति को “अस्थिर” बताया, लेकिन ज़ोर देकर कहा की ‘स्वागत केन्द्रों’ की स्थिति अकेले ग्रीक सरकार की जिम्मेदारी है।
यूरोप के देशों ने पिछले साल अपनी सीमाओं को बंद कर दिया था और हज़ारो लोग अश्रेय मिलने की करवाई के इंतज़ार में अभी भी ग्रीस में फंसे हुए हैं।